Dehradun History: महाभारत और रामायण काल से जुड़ा देहरादून का नाता
Dehradun History: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून (dehradun facts) का इतिहास बेहद रोचक है। देहरादून में बेहतरीन स्कूल से लेकर पर्यटन स्थल और फूड कॉर्नर है। साल भर पर्यटकों का देहरादून में आना जाना लगा रहता है। देहरादून को कई नाम से पुकारा जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन देहरादून का महाभारत, रामायण और मौर्य वंश कल से खास रिश्ता रहा है। आगे पढ़ते हैं देहरादून से संबंधित रोचक तथ्य और इतिहास:
महाभारत काल से जुड़ा देहरादून का संबंध (Dehradun History)
देहरादून में महाभारत काल (dehradun mahabharat connection) से जुड़ी निशानी मिलती है। कौरवों और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य ने देहरादून के टपकेश्वर मंदिर की गुफाओं में तपस्या की थी। इस वजह से देहरादून को द्रोणनगरी भी कहा जाने लगा। इसके अलावा लाखामंडल में आज भी खुदाई करने पर शिवलिंग निकल जाते हैं। माना जाता है की द्वापर युग में दुर्योधन ने पांचो पांडवों और उनकी माता कुंती को जीवित जलाने के लिए यहां लक्ष्याग्रह का निर्माण किया था। खुदाई के दौरान यहां सैकड़ो शिवलिंग और दुर्लभ मूर्तियां मिलती है।
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रामायण काल से जुड़ा देहरादून (Dehradun Historical Fact)
देहरादून का संबंध रामायण काल (dehradun unknown facts) से भी जुड़ा हुआ है। मान्यताओं के अनुसार जब भगवान श्रीराम ने रावण का अंत किया था। तब वह लक्ष्मण के साथ ऋषिकेश आए और गंगा में स्नान किया था।
सम्राट अशोक की निशानी
कालसी क्षेत्र में सम्राट अशोक (Kalsi Dehradun) ने कलिंग युद्ध के बाद शिलालेख स्थापित करवाए थे। यह शिलालेख आज भी राज्य की धरोहर है।
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देहरादून को कई नाम से जाना जाता है
देहरादून को दून, दून घाटी, द्रोणनगरी, केदारखंड (dehradun other names) नाम से भी पुकारा जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि सिखों के गुरु हरि राय के बेटे गुरु राम राय 1675 ईस्वी में देहरादून आए थे और यहां अपने शिष्यों के साथ डेरा डाला था इस वजह से इसे डेरा या देहरा कहा गया।