ऋषिकेश

Rishikesh Manikoot Yatra: आलोकित यात्रा जहां 12 द्वारों की होती है पूजा

Rishikesh Manikoot Yatra: पौराणिक मणिकूट परिक्रमा यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। यात्रा पांडू गुफा की पूजा अर्चना के साथ शुरू की गई। 12 सिद्ध द्वारों की विधिवत्त पूजा अर्चना कर यात्रा का विधिवत समापन भी किया गया। सोमवार को लक्ष्मण झूला डीएम कैंप कार्यालय के समीप पांडू गुफा (rishikesh news) में आत्मकुटीर आश्रम के संत रही बाबा के सानिध्य में मणिकूट परिक्रमा यात्रा का शुभारंभ प्रथम द्वारा की पूजा के बाद किया गया।

12 द्वारों पर की गई पूजा (Rishikesh Manikoot Yatra)

श्रद्धालुओं ने बम-बम भोले के जयकारों से अपनी यात्रा को शुरू किया। इस यात्रा में 12 द्वारों पर हनुमान, भगवान विष्णु, गरुड़, गुरु बृहस्पति, 64 योगिनी, माता काली, बाल कुंवारी माता, माता भुवनेश्वरी और उनके सहयोगी शक्तियों की पूजा की गई। इसके अलावा माता कुष्मांडा, माता विध्यवासिनी, भगवान शिव के गण नंदी, वीरभद्र महादेव, भगवान गणेश और शिव के प्रधान गणों की भी पूजा अर्चना की गई। 

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आदिकाल से है धार्मिक महत्व (rishikesh tourist places list)

संत राही बाबा ने बताया कि तीर्थ नगरी में गंगा (Maa Ganga) की बाई ओर मणिकूट पर्वत स्थित है। जिसका आदिकाल से ही धार्मिक महत्व रहा है। भगवान शिव का प्राचीन नीलकंठ मंदिर भी इसी मणिकूट पर्वत पर स्थित है। इस पर्वत की तलहटी में आकर मां गंगा का वेग भी धीमा पड़ जाता है। 

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मां गंगा ने खुद अपने वेग को किया शांत

मान्यतानुसार इस तपोभूमि (Rishikesh Historical Places) में ध्यान और समाधि के लिए लीन हुए ऋषि मुनियों के ताप में गंगा का कोलाहल कोई खलन ना डाले इसलिए मां गंगा स्वयं यहां आकर अपने वेग को शांत कर देती है। 

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