उत्तराखंड

Uttarakhand Chitfund Scam: CBI को ट्रांसफर हुआ राज्य का सबसे बड़ा फ्रॉड

Uttarakhand Chit fund Scam: राज्य के सबसे बड़े फ्रॉड में से एक माना जा रहा एलयूसीसी चिट फंड (LUCC Chit fund Scam) घोटाले की जांच अब सीबीआई के हाथ सौंप दी गई है। राज्य सरकार की तरफ से सेंट्रल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन को जांच करने की मंजूरी दे दी है। इस कंपनी के खिलाफ अलग-अलग जिलों में 13 से ज्यादा मुकदमे दर्ज है। उत्तराखंड के अलावा देश के अन्य राज्यों में एलयूसीसी चिटफंड के खिलाफ शिकायत आई है।

सीबीआई को ट्रांसफर हुआ मामला (Uttarakhand Chit fund Scam)

एलयूसीसी चिटफंड घोटाले की जांच उत्तराखंड सरकार ने सीबीआई को ट्रांसफर कर दी है। एलयूसीसी चिटफंड घोटाला सीबीआई को ट्रांसफर करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (cm dhami) से भी अनुमोदन मिल चुका है। अभी तक राज्य में एलयूसीसी चिटफंड घोटाले में जितने भी मुकदमे दर्ज हुए हैं। उन सब की जांच सीआईडी कर रही थी।

पिछले साल सामने आया था मामला

एलयूसीसी चिटफंड कंपनी के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी हो रही है। इसका पहला मामला 1 जून 2024 को सामने आया था। दरअसल, कोटद्वार की रहने वाली तृप्ति नेगी ने कोटद्वार की दुगड्डा शाखा में कार्यरत (uttarakhand news) मैनेजर विनीत सिंह और कैशियर प्रज्ञा रावत पर आरडी खाता खोलने के नाम पर पैसे लेकर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। इस संबंध में कोटद्वार में मुकदमा किया गया। इसके बाद पौड़ी पुलिस ने संबंधित अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

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कई लोगों को किया गिरफ्तार (Uttarakhand Chitfund Scam News)

पुलिस ने एलयूसीसी चिटफंड कंपनी स्टेट हेड सहित कुल 8 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा गिरीश चंद्र बिष्ट, उत्तम सिंह, समीर अग्रवाल और शबाब हुसैन के खिलाफ एलओसी नोटिस जारी किए गए थे।

2021 में खोला ऑफिस

ऋषिकेश निवासी आशुतोष ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें याचिकाकर्ता (LUCC Chit fund Scam transfered to CBI) ने कोर्ट को बताया था कि एलयूसीसी चिटफंड नाम की एक कंपनी ने 2021 में प्रदेश के कई जिलों में लोगों को कई तरह के लाभ देने के उद्देश्य से अपना ऑफिस देहरादून, ऋषिकेश समेत पौड़ी में खुलवाए थे। इसके बाद कंपनी ने स्थानीय लोगों को ही अपना एजेंट बना लिया था।

स्थानीय लोगों का विश्वास तोड़ा (LUCC Chit fund Scam)

याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि लोकल संतों ने अपने करीबियों के पैसे इस कंपनी में निवेश किए। लोगों ने स्थानीय एजेंट पर विश्वास कर कंपनी में अच्छी खासी रकम निवेश की। राज्य में कंपनी ने अपना सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन तक नहीं कराया था। अपना उल्लू सीधा होते ही साल 2023-24 में कंपनी अपने ऑफिस बंद करके चली गई। निवेशकों की शिकायत पर उत्तराखंड समेत देश के अन्य राज्यों में भी इस कंपनी के खिलाफ 56 मुकदमे दर्ज हुए हैं।

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मुख्य आरोपी दुबई भागा

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को यह भी बताया कि उन्हें खबर मिली है की मुख्य आरोपी दुबई भाग गया है। अब सभी निवेशक अपने पैसों की मांग कर रहे हैं और स्थानीय एजेंट को पूछ रहे हैं। कितने लोग ऐसे थे जिन्होंने कैसे-कैसे करके पैसे इकट्ठे कर निवेश किया था। लेकिन अब उनके हाथ खाली है।

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