Satypal Malik: पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक का निधन, बेबाकी से कांपती थी BJP
Satypal Malik: जम्मू कश्मीर, गोवा और मेघालय के गवर्नर रहे सत्यपाल मलिक का आज निधन हो गया है। वह काफी दिनों से अस्पताल में भर्ती थे और उनका इलाज चल रहा था। सत्यपाल मलिक ने दिल्ली स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल में आखिरी सांस ली है। सत्यपाल मलिक के सोशल मीडिया अकाउंट एक्स एक पर उनके निधन की जानकारी दी गई है।
किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे (Satypal Malik)
सत्यपाल मलिक का आज मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उन्होंने आज दोपहर करीब 1:00 बजे नई दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में आखिरी सांस ली है। उनका इस अस्पताल में इलाज भी चल रहा था। सत्यपाल मलिक लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें 11 में को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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सत्यपाल मलिक से जुड़ी बातें
79 वर्षीय सत्यपाल मलिक ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1968-69 में छात्र नेता (Satypal Malik Death News) के तौर पर की थी। इसके बाद उन्होंने चौधरी चरण सिंह से निकटता की वजह से 1974 में चुनावी राजनीति में प्रवेश किया था। वह बागपत से विधानसभा चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे। बाद में वह चरण सिंह के साथ लोक दल में शामिल हो गए। उन्हें चरण सिंह ने पार्टी का महासचिव बनाया। 1980 में सत्यपाल मलिक लोक दल की ओर से राज्यसभा पहुंचे। इसके बाद साल 1984 में मलिक कांग्रेस में शामिल होकर 1986 में फिर से राज्यसभा गए।
मंत्री भी रह चुके सत्यपाल मलिक (Satypal Malik Dies)
राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान बोफोर्स घोटाले के बाद 1997 में कांग्रेस से इस्तीफा देकर सत्यपाल मलिक वीपी सिंह के नेतृत्व वाले जनता दल में शामिल हो गए थे। 1999 में वह जनता दल के टिकट पर अलीगढ़ लोकसभा से चुनाव जीतकर संसदीय मामलों और पर्यटन के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री बने थे।
साल 2004 में हुए भाजपा में शामिल
2004 में मलिक अटल बिहारी के नेतृत्व वाली भाजपा (Satypal Malik Biography) में शामिल हुए थे। लेकिन, लोकसभा में उन्हें हर का सामना करना पड़ा था। प्रधानमंत्री मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान मलिक को भूमि अधिग्रहण विधायक पर विचार करने वाली संसदीय टीम का प्रमुख नियुक्त किया गया था।
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इन राज्यों के रहे राज्यपाल (Satypal Malik Death)
बीजेपी में कई वरिष्ठ पदों पर काम करने के बाद भाजपा ने अक्टूबर 2017 में सत्यपाल मलिक को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया था। करीब 1 साल बिहार में काम करने के बाद उन्हें अगस्त 2018 में जम्मू कश्मीर राज्यपाल बनाकर भेजा गया। उनके कार्यकाल के दौरान ही मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को समाप्त किया था। लेकिन मलिक को नवंबर 2019 में कश्मीर से हटकर गोवा और फिर मेघालय का राजपाल बना दिया।
बीजेपी के फैसलों से परेशान हुए थे मालिक
ऐसा माना जाता है कि सरकार के इन फैसलों के बाद सत्यपाल मलिक (Satypal Malik vs BJP) परेशान हो गए थे और खुद को एक जाट नेता के रूप में पुनर्जीवित करना चाहते थे। उनके सहयोगियों का कहना है कि मलिक हमेशा से ही मुखर रहे हैं। वह अपने बयानों से भारतीय जनता पार्टी सरकार को आशाए भी करते रहे।