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Caste Census News: एक क्लिक में पढ़े क्या है जाति जनगणना? विपक्ष हैरान!

Caste Census News: केंद्र सरकार ने देश में जाति जनगणना करने का फैसला किया है। मोदी कैबिनेट ने बुधवार को यह फैसला लिया है। राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा दिए गए फसलों की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जनगणना केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आती है। लेकिन, कुछ राज्यों ने सर्वेक्षण के नाम पर जाति गणना की है।

क्या होती है जाति जनगणना? (what is caste census)

जाति जनगणना (Caste Census) का सरल भाषा में मतलब है कि देश में किसी जाति के कितने लोग हैं। इसके स्पष्ट आंकड़े सामने रखे जाएं। भारत में जातिगत जनगणना पहले भी हुई है। लेकिन उसमें ओबीसी को शामिल नहीं किया गया था। जाति जनगणना विभिन्न जाति समूहों की सामाजिक और आर्थिक स्थितियों के साथ ही आवश्यकताओं के बारे में सूचना प्रदान कर इस संबंध में मदद कर सकती है। साथ ही जाति जनगणना नीति निर्माता को ऐसी नीतियों के निर्माण में मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है जो प्रत्येक समूह की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करें और इस प्रकार समावेशी विकास को बढ़ावा दे। 

जाति जनगणना को लेकर आया बड़ा फैसला

केंद्रीय मंत्री Ashwini Vaishnaw  ने कहा है कि राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज फैसला (caste census in india) किया की जाति गणना को जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आरोप भी लगाया कि विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों ने राजनीतिक कारणों से जाति आधारित सर्वेक्षण कराया गया है। उन्होंने कहा कि- “मोदी सरकार का संकल्प है कि आगामी अखिल भारतीय जनगणना प्रक्रिया में जातिगत गणना को पारदर्शी तरीके से शामिल किया जाएगा। भारत में प्रत्येक 10 साल में होने वाली जनगणना अप्रैल 2020 में शुरू हो रही थी लेकिन कोविड महामारी के कारण इसमें देरी हो गई।”

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Congress Party पर जमकर साधा निशान

राष्ट्रीय जनगणना में जाति जनगणना को शामिल करने पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि-  “कांग्रेस सरकारों ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया है। 2010 में दिवंगत डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा था की जाति जनगणना के मामले पर कैबिनेट में विचार किया जाना चाहिए। इसके लिए मंत्रियों का एक समूह भी बनाया गया था ज्यादातर राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की है। इसके बाद भी कांग्रेस सरकार ने जाति का सर्वेक्षण या जाति जनगणना करने का फैसला किया।”

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कांग्रेस ने बनाया राजनीतिक हथियार

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Caste Census News Latest) ने कहा कि अच्छी तरह से समझा जा सकता है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने जाति जनगणना को केवल एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। कुछ राज्यों ने जातियों की गणना के लिए सर्वे किए हैं। जबकि कुछ राज्यों ने केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से गैर पारदर्शी तरीके से ऐसे सर्वे किए हैं। ऐसे सर्वों ने समाज में संदेह पैदा किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए की राजनीति से हमारा सामाजिक ताना-बाना खराब ना हो सर्वे के बजाय जाति गणना को जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए। 

Bihar विधानसभा चुनाव से पहले हुई घोषणा

इस साल के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव (bihar caste census) होने वाले हैं। उससे पहले की गई घोषणा विपक्ष की एजेंडा में सबसे ऊपर थी। जो सरकार पर जाति जनगणना करने के लिए दबाव बना रही थी। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सहयोगी दलों ने इस कदम की सराहना की और कहा कि इससे सामान और लक्ष्य (bihar politics) नीतियों का मसौदा तैयार करने में काफी मदद मिलेगी।

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