Chamoli Landslide: नहीं थम रही तबाही! चमोली में हुआ भूस्खलन
Chamoli Landslide: चमोली जिले में आज बुधवार सुबह गोविंद घाट के पास अचानक से पहाड़ी टूट गई। इस वजह से हेमकुंड साहिब को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। चमोली के जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी से प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार आज सुबह गोविंदगढ़ क्षेत्र में भूस्खलन हुआ है। इस वजह से पी डब्ल्यू डी का पुल क्षतिग्रस्त हो गया और मार्ग कट गया है।
यात्रा शुरू होने से पहले ही तबाही (Chamoli Landslide)
अभी यात्रा शुरू नहीं हुई है लेकिन तबाही पहले शुरू हो गई है। चमोली के पुलना गांव में 200 से 250 लोगों की आबादी है। इस गांव तक पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला पुल टूट गया है। प्रशासन की टीम इंजीनियरों और डॉक्टर के साथ मौके पर पहुंच गई है। मुख्य रूप से इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि वहां रहने वालों के लिए पैदल चलने का रास्ता बना दिया जाए।
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गांव वालों को भोजन और स्वास्थ्य की सुविधा मिले (chamoli news)
वर्तमान में अधिकारियों की यही प्राथमिकता है कि गांव में रहने वालों तक भजन, स्वास्थ्य और सेटेलाइट फोन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। इसके अलावा यात्रा से पहले एक स्थाई पुल बनाने के लिए विभाग मौके पर पहुंच गया है। शाम तक विभाग अधिकारियों को समाधान बताया।
चमोली में एक के बाद एक तबाही का मंजर
चमोली (chamoli news) में अभी भी हिमस्खलन का खतरा बरकरार है। मौसम विभाग ने एक बार फिर 8 मार्च से मौसम में बदलाव के संकेत दे दिए हैं। कुछ दिनों पूर्व मंगलवार को भी चमोली में मौसम बदल गया था। जिस वजह से बद्रीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब सही ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई। ऐसा होने की वजह से जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बीते दिन सुबह तक मौसम ठीक रहा लेकिन देर शाम को मौसम ने करवट बदल ली।
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बद्रीनाथ में माइंस में पहुंच तापमान
बद्रीनाथ (badrinath news) में अधिकतम तापमान माइनस आठ और न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस है। ज्योर्तिमठ में अधिकतम तापमान कर और न्यूनतम तापमान 1 है। औली में अधिकतम तापमान तीन और न्यूनतम तापमान -2 है।तापमान में गिरावट आने से ठंड बढ़ गई है और लोग अपने घरों में ही है।
चमोली हिमस्खलन के घायलों को मिली छुट्टी
माणा में हुए हिमस्खलन (mana village avalanche) से रेस्क्यू कर अस्पताल लाए गएं 36 श्रमिकों को मंगलवार को सेवा अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। सभी श्रमिक अधिक आराम पाने के लिए अपने घर चले गए हैं। 28 फरवरी की सुबह मन के पास हिमस्खलन हुआ था जिसमें बीआरओ की कार्यदाई संस्था के 54 श्रमिक चपेट में आ गए थे। इनमें से आठ श्रमिकों की बर्फ में दबने से मौत हो गई थी।