Dehradun की डिफेंस कॉलोनी में 16 पूर्व सैन्य अधिकारियों ने किया बड़ा घोटाला
Dehradun: डिफेंस कॉलोनी की रासायनिक सहकारी आवास समिति के भूखंडों में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार समिति के मूल लेआउट प्लान (Dehradun News) में छेड़छाड़ की गई है। 680 की जगह 726 प्लॉट तैयार कर दिए गए हैं। हैरानी वाली बात यह है कि ओपन स्पेस, पार्क और अन्य सामुदायिक उपयोग के लिए आरक्षित हुई भूमि को भी काटकर प्लाटिंग कर दी गई है। इस तरह से सार्वजनिक उपयोग वाली 18,000 से अधिक वर्ग मीटर की भूमि पर फर्जीवाड़ा हुआ है।
16 पूर्व सैन्य अधिकारियों पर हुआ मुकदमा दर्ज
इस प्रकरण में समिति के सदस्य करनैल रमेश प्रसाद सिंह (सेवानिवृत) की तहरीर पर नेहरू कॉलोनी की पुलिस ने 16 पूर्व सैन्य अधिकारियों (Defense Colony Plot Scam) पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। सभी अधिकारी कर्नल, लेफ्टिनेंट कर्नल, कमांडेंट, स्क्वाड्रन लीडर और मेजर पद से सेवानिवृत है।
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पुलिस को दी गई तहरीर में बड़ी जानकारी शामिल
पुलिस (Dehradun Police) को दी गई तहरीर में कर्नल रमेश प्रसाद (सेवानिवृत) लेफ्टिनेंट कर्नल त्रिजीवन सिंह पयाल (सेवानिवृत) और विजय मोहन नाथ निवासी सेक्टर 4 डिफेंस कॉलोनी ने बताया कि वह डिफेंस कॉलोनी सोसाइटी के ही सदस्य हैं। सैनिक सहकारी आवास समिति लिमिटेड का रजिस्ट्रेशन साल 1967 में रजिस्ट्रार, उत्तर प्रदेश, कोऑपरेटिव सोसाइटी, लखनऊ के अंतर्गत हुआ था। इसका गठन सैनिक, पूर्व सैनिक और सैनिक परिवारों की आवासीय जरूरत के लिए किया गया था।
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680 प्लॉट को मिली थी स्वीकृति (Property Scam Defense Colony)
प्रारंभिक तौर पर 680 प्लाटों को स्वीकृति मिली थी और लेआउट प्लान तैयार हुआ था। जिसे 13 दिसंबर 1967 को यूपी टाउन एंड प्लैनिंग डिपार्मेंट, लखनऊ की स्वीकृति के अंतर्गत मान्यता मिली थी। लेकिन, समय के साथ समिति के पूर्व और वर्तमान पदाधिकारीयों ने प्लॉट की संख्या धोखे से बढ़कर 726 कर दी। और इस वजह से 18,000 वर्ग मीटर से अधिक की सार्वजनिक उपयोग में आने वाली भूमि पर प्लॉटिंग कर दी गई और फर्जीवाड़ा तरीके से बेच दिया गया।