देहरादून

Dehradun Book Sellers: पुलिस से नाराज हुए किताब विक्रेता

Dehradun Book Sellers: किताब विक्रेता की दुकानों पर लगी सील और बेबुनियाद मुकदमों के विषय में दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल एवं दून घाटी बुक सेलर एसोसिएशन द्वारा प्रेस क्लब में एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की गई । आज दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष पंकज मैसोंन एवं दून घाटी बुक सेलर एसोसिएशन अध्यक्ष रणधीर अरोड़ा द्वारा एक प्रेस वार्ता प्रेस क्लब में आहूत की गई। जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि दिनांक 29/03/2025 को किसी सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा एक लिखित तहरीर हमारे दुकानदार के ऊपर दी जाती है। जिस पर पुलिस के साथ टीम मौके पर पहुंचकर निरीक्षण कर बिना कारण दुकानें (Dehradun Book Sellers) बन्द करवा कर यह कहकर चले गए कि अपनी दुकानें बंद रखे। उसके दो दिन बाद प्रशासन द्वारा दुकानों पर पुलिस बल के साथ टीम आती हैं और बिना किसी ऑर्डर के हमारी दुकाने सील कर देती हैं। 

किताबों में ISBN नंबर अंकित नहीं 

दुकानदारों (Dehradun Book Shops Sealed) द्वारा पूछने पर पुलिस यह हवाला देती है कि आपके द्वारा बेची जा रही किताबों में ISBN नंबर अंकित नहीं हैं और आमजन की साइट पर चेक करवाने लगी। जब की राजा राम मोहन राय नेशनल एजेंसी फॉर आईएसबीएन इंडिया के द्वारा होता है। ओर जो 1 दुकान खुली हुई थी उसे सील करवा दिया और बाकी 3 दुकाने जो पहले से ही बंद थी, उनको भी सील कर दिया जाता है। बंद दुकान को सील करने का कोई अधिकार किसी को नहीं हैं। 

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व्यापारियों ने की पुलिस की कड़ी निंदा

व्यापार मंडल अध्यक्ष पंकज मेसोंन द्वारा समस्त जानकारी जुटाए जाने के बाद जिला अधिकारी महोदय को फोन किया गया। जिस पर जिलाअधिकारी द्वारा कोई जवाब नहीं दिया जाता उसके पश्चात जिला अधिकारी कार्यालय के बाहर सैकड़ों व्यापारियों द्वारा सील ओर एफआईआर के खिलाफ प्रदर्शन किया जाता है। ओर माननीय मुख्यमंत्री जी के लिए सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह को ज्ञापन सौंपा जाता है। जिसको उनके द्वारा स्वीकार किया जाता हैं।      

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आईएसबीएन होना या ना होना पुष्टि नहीं    

जिस आईएसबीएन के ना होने के कारण हमारे ऊपर मुकदमे हुए ओर हमारी दुकानें सील हुई वो सब जानकारी के अभाव में हुई है। जबकि जिन किताबों को बताया जा रहा है कि आईएसबीएन नहीं लगा हुआ है। उन सबकी आईएसबीएन नंबर की पूरी रजिस्टर्ड कॉपी भी दिखा दी गई है ओर हाई कोर्ट द्वारा जो डिसीजन की कॉपी जिसमे साफ लिखा हुआ है। कि आईएसबीएन होना या ना होना इस बात कि कतई पुष्टि नहीं करता कि फ्रॉड या पायरेसी या किसी प्रकार की चीटिंग ही हुई है। जब इन सबके बारे में माननीय मंत्री जी को अवगत करवाया गया। 

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