देहरादून

Dehradun DM: नदी की धारा मोड़ रिसॉर्ट बनाने से बह गई सड़क!

Dehradun DM: देहरादून के डीएम सविन बंसल एक्शन मोड में हैं। मालदेवता क्षेत्र के खेरी मानसिंह में रिसॉर्ट का निर्माणनदी की धारा को मोड़कर किया जा रहा था। हैरानी वाली बात है कि यह सब कार्य दिन के समय हो रहा था। लेकिन, उस वक्त प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। जब आपदा आई और 150 मीटर सड़क बह गई तो प्रशासन नींद से जाग गया।

रिसोर्ट बनाने की जिद से बही सड़क (Dehradun DM)

पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने जांच की है और यह बात सामने आई है कि सड़क इसी रिसोर्ट के निर्माण कार्य में नदी की धारा मोड़े जाने की वजह से बही है। घटना की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस मामले में जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिए हैं। तबाही के बाद डीएम प्रशासनिक अमले के साथ-साथ मालदेवता और अन्य प्रभावित इलाकों का स्वयं दौरा कर रहे हैं।

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पुनर्निर्माण कार्य जारी

राहत बचाव कार्य में तेजी लाने के साथ-साथ सरकारी संपत्तियों (dehradun dm savin bansal) का पुनर्निर्माण कार्य भी जारी है। मालदेवता में खेरी मान सिंह क्षेत्र में पुलिस चौकी के आगे करीब डेढ़ सौ मीटर सड़क सॉन्ग नदी के पानी में बह गई है। इस नुकसान का आकलन लोक निर्माण विभाग ने किया है। जिसके अनुसार करीब 6 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। जांच में पता चला है कि इस जगह से पहले मालदेवता की ओर स्पर्श फॉर्म और रिसॉर्ट बना हुआ है।

क्यों सतर्क नहीं रहता विभाग? (Maldevta Latest News)

एक ओर पुलिस वाले सड़क पर ठेलिया तक लगने नहीं देते। लेकिन, मालदेवता में इस रिजॉर्ट को बनाने के लिए संचालक ने नदी की धारा को ही मोड़ दिया था। कार्य इतना चालाकी से हुआ है कि जब सोमवार की रात भारी बारिश में सॉन्ग नदी में उफान आया तो रिजॉर्ट की अप्रोच को नुकसान नहीं हुआ। बल्कि पूरी सड़क ही बह गई। पानी और तेज गति से आए मलबे ने सड़क को टक्कर मारी जिससे डेढ़ सौ मीटर हिस्सा पानी में बह गया।

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विभाग की नींद नहीं खुली (Dehradun DM Savin Bansal)

विभाग की नींद सही समय पर नहीं खुली। अगर विभाग सतर्क रहता तो रिसोर्ट मालिक (sparsh farm and resort maldevta) नदी की धारा को नहीं मोड़ पाता। इतना ही नहीं ऐसा होने के बाद भी कोई कार्रवाई विभाग द्वारा नहीं की गई। जिससे साफ पता चलता है कि विभाग में काम करने के नाम पर सुस्ती है। इस घटना के सोशल मीडिया पर आने के बाद जनता सवाल उठा रही है कि एक दिन में तो रिसोर्ट का निर्माण नहीं होता है। रिसोर्ट मलिक ने अनुमति भी ली होगी। जिसकी वजह से अधिकारियों द्वारा जगह का निरीक्षण किया गया होगा। साफ बात है कि अगर निरीक्षण हुआ था तो तब कार्रवाई क्यों नहीं हुई? और अगर गलत काम होते हुए भी पैसों की गड्डी देख अधिकारियों ने आंखें मूँद ली तो यह बेहद गंभीर विषय है।

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