Dehradun: खेती का ऐसा फॉर्मूला, पत्ते बेचकर बनेंगे अमीर!
Dehradun: देवभूमि उत्तराखंड अपने प्राकृतिक सौंदर्य और देवी देवताओं के निवास की वजह से दुनिया भर में मशहूर है। लेकिन उत्तराखंड के पहाड़ों में केवल खूबसूरती ही नहीं है। बल्कि कुछ ऐसे बेशकीमती औषधीय पौधे भी है, जो आपको मालामाल बना सकते है। ऐसा एक अनमोल पौधा है जेरेनियम (Geranium), जिसका वैज्ञानिक नाम Pelargonium graveolens है। इस पौधे में फूल भी उगते है साथ ही इनमे सुगंध भी आती है। इन सुगंधित फूल वाले पौधों से एशेंशियल ऑयल निकलता है। यह ऑयल भारत के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगी कीमतों में बिकता है।
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जेरेनियम की अनगिनत खासियत
जेरेनियम पौधे में बहुत सी खासियत होती है। यह पौधा मीठी और फूलों जैसी सुगंध के लिए फेमस है। इसके पत्तों और तनों से भाप आसवन (steam distillation) के द्वारा एशेंशियल ऑयल निकाला जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन इसकी बाजार कीमत 10,000 से 12,000 रुपए प्रति लीटर तक होती है। इस तेल में एंटीसेप्टिक, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण है। इस वजह से यह सौंदर्य और स्वास्थ्य उत्पादों में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है।
कब होती है जेरेनियम की खेती?
जेरेनियम की खेती अक्टूबर से जून तक करना अच्छी मानी जाती है। लेकिन, इसकी खेती में सावधानी बरतना बेहद जरूरी होता है , क्योंकि यह पौधा नमी के प्रति संवेदनशील है। अधिक पानी देने से इसकी गुणवत्ता में नुकसान हो सकता है।
उत्तराखंड के किसानों के लिए आय का बढ़िया स्त्रोत
जेरेनियम की खेती उत्तराखंड के किसानों के लिए आय का अच्छा स्त्रोत है। यह कम लागत और दोगुना मुनाफा देने वाली फसल है। यह राज्य के किसानों के लिए खेती का नया विकल्प है। एरोमा थैरेपी, कास्मेटिक और हर्बल उत्पादों में जेरेनियम एशेंशियल ऑयल बेहद आवश्यक होता है। इसकी बढ़ती मांग ने इसे बाजार में बादशाह बना दिया है।