Dussehra News: असम के बास से तैयार हो रहा देहरादून का रावण
Dussehra News: दशहरा के लिए देहरादून में तैयारियां शुरू हो गई है। कारीगरों ने रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों को बनाना शुरू कर दिया है। इस बार रावण को सूरत की वेशभूषा में सजाया जाएगा। कारीगरों ने रावण के लिए सूरत से वेशभूषा मंगाई है। देहरादून में दुकानों पर नवरात्र और दशहरा की तैयारी शुरू हो गई है।
1 महीने पहले से काम शुरू (Dussehra News)
पटेल नगर में 25 साल से मुजफ्फरनगर के कारीगर शालू अपने अन्य साथियों के साथ रावण के पुतले बनाने का काम कर रहे हैं। 4 सितंबर से रावण के पुतले बनाने का काम सभी ने शुरू कर दिया है। दशहरा से कई दिन पहले ही रावण के पुत्र बनाने शुरू कर दिए जाते हैं। इसके लिए इस बार सूरत से खास वेशभूषा मंगाई गई है। इस बार का रावण 25 से लेकर 60 फीट तक का होगा। पुतला बनाने में 25,000 से 1 लाख तक की लागत आती है।
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असम के बास से तैयार हो रहा रावण
देहरादून में रावण के पुतले को तैयार करने में असम (dehradun news) के बास का प्रयोग किया जा रहा है। कारीगर शालू ने जानकारी दी है कि कई दिन पहले ही असम से बांस मंगाया जाता है और इस बार भी बास 20% तक लहंगा मिला है।
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दशहरा का इतिहास (Dehradun Dussehra News)
दशहरा को विजयादशमी भी कहा जाता है। यह एक प्रमुख हिंदू त्यौहार है जो आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इसका इतिहास रामायण से जुड़ा हुआ है। जहां भगवान राम ने लंका के राजा रावण का वध कर अपनी पत्नी सीता को बचाया था और यह दिन रावण पर राम की विजय का भी प्रतीक है। इसके अलावा यह देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर के बाद और बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक माना जाता है। दशहरा शब्द संस्कृत के दस और हर से मिलकर बना है। दस का मतलब है 10 और हर का मतलब है पराजित करना।