उत्तराखंड

Emergency SOP: सरकार ने मेडिकल कॉलेजों को लगाई फटकार 

Emergency SOP: उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand News) ने सरकारी अस्पतालों के इमरजेंसी सेवाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है। यह इस फैसले की शुरुआत मेडिकल कॉलेजों से की गई है। स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार ने निर्देश दिए हैं कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी चिकित्सा प्रबंधन को और दुरुस्त किया जाए। इसके तहत नई गाइडलाइन जारी करी गई है। नई गाइडलाइन के अनुसार किसी भी अस्पताल का यह दायित्व है कि इमरजेंसी में आने वाले सभी मरीजों को इमरजेंसी मेडिकल केयर उपलब्ध कराई जाए। 

इमरजेंसी चिकित्सा में पैसा नहीं बनेगा बाधा (Emergency SOP)

नई गाइडलाइन के अनुसार किसी भी अस्पताल की जिम्मेदारी बनती है कि इमरजेंसी में आने वाले सभी मरीजों को इमरजेंसी मेडिकल केयर उपलब्ध कराई जाए। यदि मरीज के पास पैसे नहीं है, तब भी चिकित्सा या अस्पताल उसके इलाज में किसी तरह की देरी या इलाज करने से इनकार नहीं कर सकता। 

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डॉक्टर की पहली प्राथमिकता मरीज का इलाज

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि डॉक्टर की पहली प्राथमिकता मरीज को तुरंत उपचार उपलब्ध कराने की होनी चाहिए। जिससे उसे बचाया जा सके।  स्वास्थ्य सचिव ने मेडिकल कॉलेजों (uttarakhand medical college) के प्राचार्यों के साथ इस विषय पर बैठक की। जिसमें आपातकालीन चिकित्सा प्रबंधन पर गहरी बातचीत हुई। 

इमरजेंसी में 10 मिनट के अंदर मिलेगा इलाज

अस्पतालों के लिए एसओपी  जारी की गई है। इसके मद्देनज़र ट्राइएज एरिया में मरीजों को त्वरित जांच, क्लीनिकल प्रोटोकॉल, डॉक्यूमेंटेशन और क्वालिटी एश्योरेंस आदि को लेकर भी एक गाइडलाइन बनाई गई है। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि इमरजेंसी में गंभीर मरीजों को 10 मिनट के अंदर इलाज मिलना सुनिश्चित किया जाएगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो संबंधित मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को इसकी जवाब दे ही देनी पड़ेगी। 

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