Green Building निर्माण अटका; डीएम-विद्यायक की फटकार बेअसर
Green Building: उत्तराखंड की पहली ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण कार्य एक बार फिर से बीच में लटका हुआ नजर आ रहा है। जहां एक तरफ प्लॉट में लगे मिक्सर मशीन को सील कर दिया है वहीं दूसरी ओर आसपास रह रहे लोगों ने भी सवाल करने शुरू कर दिए हैं। ऐसे माहौल में अक्टूबर 2025 तक ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण पूरे होने पर “?” बना हुआ है। आगे पढ़ते हैं कि आखिर बिल्डिंग का काम जल्दी से पूरा क्यों नहीं हो रहा है।
206 करोड़ रुपए की लागत से बन रही बिल्डिंग (Green Building Uttarakhand)
पिछले कुछ सालों से तमाम मामलों में फंसी ग्रीन बिल्डिंग का सही ढंग से निर्माण कार्य पिछले साल में से शुरू हुआ था। तब से लेकर 1 साल का वक्त बीत जाने के बाद भी ग्रीन बिल्डिंग के बेसमेंट का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। फैसला लिया गया था कि 206 करोड़ रुपए के लागत से इस परियोजना को अक्टूबर 2025 तक पूरा किया जाना है।
सात मंजिल Green Building पर मौसम का ब्रेक
उत्तराखंड में अगले 1 महीने के भीतर मानसून दस्तक दे देगा। जिस वजह से मानसून के दौरान ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण कार्य के प्रभावित होने की पूरी संभावना है। जिसके कारण अक्टूबर 2025 तक 7 मंजिला ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण कार्य के पूरे होने पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ दिखाई दे रहा है।
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शिफ्ट होंगे Dehradun जिले के जिला स्तरीय कार्यालय
राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में शुमार ग्रीन बिल्डिंग परियोजना काफी जरूरी मानी जा रही है। इस ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद देहरादून जिले के सभी जिले स्तर के कार्यालय इस बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिए जाएंगे।
DM Savin Bansal ने लगाई संस्था को फटकार
ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण कर रही कंपनी की सुस्त गति को देखकर जिलाधिकारी पहले भी संबंधित कंपनी को फटकार लगा चुके हैं। देहरादून डीएम सविन बंसल को जबसे स्मार्ट सिटी का अतिरिक्त चार्ज मिला है। इसके बाद से अब तक दो बार वह ग्रीन बिल्डिंग परियोजना की समीक्षा बैठक भी कर चुके हैं।
विधायक ने भी लगाई अधिकारियों को फटकार
बैठक के दौरान काम कर रही संस्था की सुस्त गति को लेकर फटकार भी लगा चुके हैं। इसके बावजूद भी संस्था के कानों में जू रेंगती हुई नजर नहीं आ रही है। हाल ही में स्थानीय विधायक खजान दास ने भी निर्माणाधीन ग्रीन बिल्डिंग का निरीक्षण किया था। उसे दौरान उन्होंने भी निर्माण कंपनी के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी।
पार्षदों ने लगाए गंभीर आरोप (Uttarakhand Green Building )
ग्रीन बिल्डिंग परियोजना के तहत किया जा रहे निर्माण कार्य में सुरक्षा मानकों को सही से न मानने का आरोप भी स्थानीय जनप्रतिनिधि लग रहे हैं। स्थानीय पार्षद समेत स्थानीय लोगों ने हाल ही में देहरादून डीएम से मुलाकात कर अवैध रूप से भारी मशीनों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था।
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रोहन चंदेल ने दिया बयान
पार्षद रोहन चंदेल (uttarakhand news) ने कहा है कि- ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण में बेसमेंट की खुदाई से लेकर अन्य कार्यों में भारी मशीनों का प्रयोग सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर किया जा रहा है। कंक्रीट मिक्सर प्लांट संचालित करने की वजह से ध्वनि और वायु प्रदूषण हो रहा है। जिस वजह से स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वर्तमान समय में कंक्रीट मिक्सर प्लांट को सील कर दिया गया है। लेकिन बेसमेंट की खुदाई में सुरक्षा मानकों को ताक पर रखा जा रहा है। जिसकी वजह से आसपास रह रहे लोगों में डर का माहौल देखने को मिल रहा है। इससे पहले भी सुरक्षा दीवार ढ़हने की वजह से स्थानीय निवासियों ने सवाल उठाए थे।