Haridwar DM को मिले अस्पताल में एक्सपायर इंजेक्शन
Haridwar DM: जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह ने मंगलवार को मंगलोर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरिक्षण किया। इस दौरान उन्हें एंटी वेनम यानी सांप कांटने पर प्रयोग होने वाले छेह में से पांच इंजेक्शन एक्सपायर मिलें। जिलाधिकारी ने सख्ती दिखाते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी को जाँच के आदेश दिए है।
ऑनलाइन पोर्टल पर दी गई गलत जानकारी (Haridwar DM)
ऑनलाइन रिकॉर्ड में एंटी वेनोम इंजेक्शन की संख्या ज्यादा बताई गई है। जबकि मौके पर बताई गई संख्या से काफी कम इंजेक्शन मिले। ऑनलाइन रिकॉर्ड में इंजेक्शन की संख्या 200 है। हकीकत यह है कि जिलाधिकारी को अस्पताल में केवल छह इंजेक्शन ही मिलें।
यह भी पढ़ें: Uttarakhand Employment: बांस से रोजगार की नई राह तैयार, कैसे होगा राज्य को फायदा?
छह में से पांच इंजेक्शन एक्सपायर
स्वस्थ केंद्र की हालत देख कर जिलाधिकारी का पारा हाई हो गया। अस्पताल में पहले तो पर्याप्त मात्रा में इंजेक्शन नहीं मिलें। इसके बावजूद मिले इंजेक्शन भी एक्सपायर निकले। इन सब बातों की वजह से जिलाधिकारी का पारा हाई हो गया और स्टाफ को फटकार भी लगाई। साथ ही व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए। ऑनलाइन रिकॉर्ड में एंटी वेनोम इंजेक्शन की संख्या ज्यादा बताई गई है। जबकि मौके पर बताई गई संख्या से काफी कम इंजेक्शन मिले।
गरीबों के लिए सरकारी अस्पताल डूबते को तिनके के सहारे का समान है। अगर सरकारी अस्पतालों में ही इतनेबुरे हाल रहेंगे तो आखिर गरीब इंसान अपनी जान बचाने के लिए कहा जाएगा। अगर यह व्यवस्थाएं आगे जाकर नहीं सुधरी तो गरीब तबके के लोगों के लिए जीवन और ज्यादा मुश्किल हो सकता है। प्रशासन अपने स्तर पर कार्य करता है और मीडिया भी अपने स्तर पर काम करती आ रही है।लेकिन, आम जनता की भी जिम्मेदारी बनती है कि इस तरह की घटनाओं के खिला फसकारात्मक तरह से वह अपनी आवाज़ उठाएं। जिससे समाज में एक संदेश जाए की गरीब अमीर हर किसी में एकजुटता है।