उत्तराखंडहरिद्वार

Haridwar: मातृ सदन ने फिर छेड़ा आंदोलन, खनन की हकीकत पर सवाल

Haridwar: हरिद्वार के कुंभ क्षेत्र मेंखनन कार्य किया जा रहा है। इस वजह से गंगा और पर्यावरण संरक्षण के लिए आवाज बुलंद करने वाली संस्था मातृ सदन के ब्रह्मचारी दयानंद ने अनशन शुरू कर दिया है। ब्रह्मचारी दयानंद ने अनिश्चितकाल के लिए भोजन का त्याग कर दिया है। वह केवल जल ग्रहण कर रहे हैं। खनन की बात पर प्रशासन(Haridwar) ने अपना बयान दिया है और कहा है कि वह रिवर ड्रेजिंग का काम कर रहे हैं जो बाढ़ नियंत्रण के लिए जरूरी है। प्रशासन का कहना है कि वह यह काम नियम अनुसार कर रहे हैं। इस खबर में की गई खनन से संबंधित बात मातृ सदन के ब्रह्मचारी दयानंद के द्वारा कही गई है। 

मातृ सदन और प्रशासन के बीच हुई बैठक

शुक्रवार को मातृ सदन और प्रशासन के बीच बैठक आयोजित हुई थी। इस बैठक में मातृ सदन ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आर्डर को आधार बनाते हुए हरिद्वार के कुंभ क्षेत्र में किसी भी प्रकार के खनन (Haridwar Illegal Mining)का विरोध किया था। मातृ सदन का तर्क था कि व्यावसायिक आधार पर किए जाने वाला रिवर ड्रेजिंग खनन ही है। इस वजह से इसे तुरंत रोका जाना चाहिए। मातृ सदन के साथ-साथ सुराज सेवा दल के रमेश जोशी ने भी अधिकारियों से तीखे सवाल किए थे। 

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सभी बातों को लेकर प्रशासन का तर्क था कि रिवर ड्रेजिंग नियम अनुसार और बाढ़ नियंत्रण को काबू में रखने के लिए जरूरत के हिसाब से की जा रही है। हालांकि इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। जिसके बाद यह तय हो गया था कि मातृ सदन आंदोलन की राह में आगे बढ़ेगा। 

अब आगे क्या होगा?

मातृ सदन का अनशन जारी है, इस बीच कुंभ क्षेत्र के बैरागी कैंप और चंडीघाट में ड्रेजिंग कार्य जारी है। हालांकि मातृ सदन इस कार्य को खनन ही बता रहा है। इस मामले में कोर्ट में सुनवाई जल्द होगी इसके बाद इस पूरे मामले का निष्कर्ष निकालने की संभावना है। हालांकि मातृ सदन लंबे समय से ऐसी समस्याओं के लिए अनशन करता रहा है। इसलिए वर्तमान में चल रहा अनशन कितने दिन चलेगाइसका अंदाजा बाद में ही लग पाएगा। 

क्या कह रही हरिद्वार की जनता?

खनन सही है या नहीं इसको लेकर हरिद्वार कि जनता असमंजस में दिखाई दे रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि खनन होने के पक्ष में यह तर्क दिया जा रहा है कि  हरिद्वार की जनता को इससे नुकसान होगा। वहीं इसके विरोध में ऐसा कहा जा रहा है कि इससे गंगा और पर्यावरण को भारी नुकसान होगा। इन दो मतों के बीच हरिद्वार की जनता असमंजस में दिखाई दे रही है।

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