हरिद्वार

Haridwar: सरकारी स्कूल में अभिभावकों को एडमिशन के लिए घुसने नहीं दिया

Haridwar: उत्तराखंड शिक्षा विभाग में अध्यापकों की मनमानी चल रही है। हालत यह है कि स्कूलों में अध्यापकों ने मनमानी करते हुए अपने नियम कायदे बना लिए हैं। यह मामला उस दिन सामने आया जब राज्य में सरकार के निर्देश पर प्रवेशोत्सव मनाया जा रहा था। लेकिन दूसरी ओर राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जमालपुर कलां के बंद गेट के बाहर अभिभावक तेज धूप में खड़े रहे। 

विद्यालय में नहीं मिली एंट्री (Haridwar Government Schools)

आदेशों का मजाक बनाते हुए अभिभावकों से मिलने के लिए भी विद्यालय का गेट नहीं खोला गया। जिस वजह से प्रवेशोत्सव (government schools in uttarakhand) वाले दिन प्रवेश लेने आए बच्चे और अभिभावक वापस घर लौटे। 

सरकारी अध्यापकों की बेवजह की मनमानी

सरकारी स्कूलों में एक तरफ बच्चों की संख्या लगातार घटती जा रही है। जहां एक तरफ अध्यापकों को बच्चों की संख्या बढ़ाने के सरकार निर्देश दे रही है। निर्देश के साथ ही सरकार की ओर से प्रवेशोत्सव जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं। जिससे ज्यादा से ज्यादा बच्चों के प्रवेश करने पर जोर दिया जाए। ऐसा होने पर सरकारी योजनाओं से बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ सकेंगे। लेकिन सरकारी स्कूल के अध्यापकों की बेवजह की मनमानी चल रही है। 

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आखिर क्यों चलाया गया प्रवेशोत्सव? (Haridwar)

अप्रैल के नए सत्र में प्रवेश अभियान चलाकर सोमवार को प्रवेशोत्सव (Haridwar News) मनाया गया। सरकारी स्कूलों में बच्चों को प्रवेश दिए गए। अभिभावकों को सम्मानित किया गया। उनसे दूसरे लोगों को भी सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए जागरूक करने का आवाहन किया गया। हालांकि राजकीय उच्चतर माध्यमिक (praveshotsav Kya hai) विद्यालय में कुछ अलग ही देखने को मिला। 

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सम्मान दूर स्कूल में घुसने भी नहीं दिया

राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अभिभावकों को सम्मान तो क्या देते उन्हें स्कूल में प्रवेश के लिए अंदर तक नहीं आने दिया गया। तेज धूप में अभिभावक अपने बच्चों के साथ स्कूल के बाहर खड़े रहे। जब स्कूल की छुट्टी हुई तो उसके बाद अभिभावक अंदर गए तो उन्हें सीट नहीं होने का हवाला देकर भेज दिया गया। जिससे अभिभावकों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा।

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