Kedarnath Ropeway: केदारनाथ की 09 घंटे की चढ़ाई 36 मिनट में होगी पूरी
Kedarnath Ropeway: केंद्र सरकार ने सोनप्रयाग से केदारनाथ और गोविंद घाट से हेमकुंड साहिब जी तक रोड पर परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। दोनों परियोजनाओं पर कुल 6,811 करोड़ रुपए खर्च होंगे। चार धाम के लिए यह फैसला ऐतिहासिक बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने इन परियोजनाओं को मंजूरी दिए जाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया है। पीएम मोदी ने कहा कि वह उत्तराखंड में पर्यटन (Kedarnath Ropeway) को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध है।

परियोजनाओं में इतना होगा खर्च (kedarnath ropeway project)
सोनप्रयाग से केदारनाथ (sonprayag to kedarnath) में परियोजना 12.9 किलोमीटर तक की है। इस पर 4,081.28 करोड रुपए खर्च होंगे। गोविंद घाट से हेमकुंड साहिब जी रोड पर परियोजना 12.4 किलोमीटर की है। इस पर 2730.13 करोड रुपए खर्च होंगे। कुल मिलाकर दोनों परियोजनाओं पर 6811 करोड रुपए की लागत लगेगी।
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Char Dham Yatra में आएगा बड़ा बदलाव
रोपवे परियोजनाओं से चार धाम यात्रा (char dham yatra) पूरी तरह से बदल जाएगी। केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जी दोनों तीर्थ स्थलों की यात्रा आसानी से श्रद्धालु कर पाएंगे। ऐसा होने पर पर्यटन को और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा।
बहुत मुश्किल है केदारनाथ का सफर (kedarnath yatra)
केदारनाथ 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों (kedarnath yatra) में से एक है। केदारनाथ 11,968 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक की दूरी 16 किलोमीटर की है। वर्तमान समय में श्रद्धालु पैदल या पालकियों या हेलीकाप्टर से इस चढ़ाई को पूरा करते हैं। रोपवे परियोजना का मकसद सोनप्रयाग और केदारनाथ के बीच सभी मौसम में बेहतरीन कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
अलग तरह की तकनीक पर आधारित
सोनप्रयाग से Kedanath Ropeway परियोजना को सरकारी निजी भागीदारी के तहत विकसित करने की तैयारी में है। यह ट्राई टेबल डिटैचेबल गोंडोला तकनीक पर आधारित होकर। हर घंटे दोनों तरफ से 1800 यात्री आवाजाही कर सकेंगे। हर दिन लगभग 18000 यात्री इसे सफल कर पाएंगे।
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आधे घंटे में होगा 9 घंटे का सफर (Uttarakhand Tourism)
परियोजना पूरे होने के बाद एक ओर से यात्रा का समय जो लगभग 8 से 9 घंटे का होता हैम, उसे घटाकर करीब 36 मिनट तक का कर दिया जाएगा। यह योजना पर्यावरण के अनुकूल होगी। साथ ही बेहद सुविधाजनक और तेज होगी।
हेमकुंड साहिब जी का सफर भी होगा आसान
हेमकुंड साहिब (hemkund sahib) जी की यात्रा गोविंद घाट से किस किलोमीटर तक की चुनौती पूर्ण और खड़ी चढ़ाई है। ब्रोक पर परियोजना आने के बाद खराब मौसम में भी हेमकुंड साहिब जी और गोविंद घाट के बीच की कनेक्टिविटी जारी रहेगी।