Maharashtra Politics: एकनाथ शिंदे को सता रहा पार्टी में फूट का डर
Maharashtra Politics: शिवसेना की इतिहास की सबसे बड़ी बगावत तीन साल पहले हुई थी। जब महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार सत्ता में थी। इसके बाद उद्धव ठाकरे को राजनीतिक रूप से बहुत ज्यादा नुकसान हुआ था। जिस दौरान वह मुख्यमंत्री थे तब उनके रहते हुए भी शिवसेना पार्टी टूट गई थी। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी (Maharashtra News) में सबसे बड़ी बगावत हुई थी। जिस वजह से ठाकरे सरकार पूरी तरह से गिर गई। इसके बाद पार्टी और चुनाव चिन्ह भी ठाकरे के हाथ से चले गए। वर्तमान में महाराष्ट्र की राजनीति को देखते हुए ऐसा लगता है कि क्या एकनाथ शिंदे को भी अब वैसी ही स्थिति होने का डर है?
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चर्चा में संस्था की स्थापना (Maharashtra Politics)
शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बीते दिनों हुई थी। जिसमें कुछ महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे गए थे। इनमें से एक शिवकोष शिवसेना विश्वस्त संस्था की स्थापना का प्रस्ताव था। यह प्रस्ताव इसलिए रखा गया क्योंकि जब उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) की पार्टी में फूट पड़ी थी तब उनके ज्यादातर विधायक और सांसदों ने उनके साथ छोड़ दिया था। इनमें से कई नेता शिंदे गुट में चले गए थे। इसके बाद शिवसेना के कई मध्यवर्ती कार्यालय और शाखों पर शिंदे गुट के नेताओं ने अपना दावा जताया था।
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शिंदे ने उठाया सतर्क कदम
एकनाथ शिंदे (eknath shinde) को यह बात पता है कि पार्टी में फूड पढ़ने के बाद ठाकरे के हाथ से कई मध्यवर्ती कार्यालय और शाखाएं निकल गई थी। जिस वजह से शिंदे सतर्क होकर कदम उठा रहे हैं। जब शिवसेना के विधायक, सांसद और नेताओं का अलग होने का सिलसिला शुरू हुआ तब स्थानीय स्तर पर पार्टी के कार्यालय और शाखाएं शिंदे खुद के पास चले गए। इन सब से एक ही बात सामने आती है कि ठाकरे के साथ जो हुआ उसे एकनाथ शिंदे ने सबक लिया है। आने वाले समय में उनके साथ ऐसा ना हो इसलिए शिंदे घुटने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शिवकोष शिवसेना विश्वास्टी संस्था की स्थापना का प्रस्ताव रखा है।