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Manoj Kumar Death: मनोज कुमार ने जब इंदिरा गांधी को दिया था चैलेंज

Manoj Kumar Death: भारत के दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार का 87 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में आखिरी सांस ली है। मनोज कुमार काफी समय से लिवर सिरोसिस से जूझ रहे थे। देशवासियों के मन में मनोज कुमार की अलग-अलग पहचान है। उन्होंने ज्यादातर देशभक्ति की फिल्मों में काम किया है जिसकी वजह से लोग उन्हें भारत कुमार भी कहते है। किसी के लिए वह हरि कृष्ण गोस्वामी (Manoj Kumar Death) भी है।

निधन की खबर सुन दुखी हुए फैंस (Manoj Kumar Movies)

मनोज कुमार के निधन की खबर सुनकर उनके फैंस अंदर से टूट चुके हैं। आम आदमी से लेकर इंडस्ट्री के लोग भी उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। कि उनका अंतिम संस्कार कब और कहां होगा। उनके अंतिम दर्शन हो पाएंगे या नहीं। इन सारे सवालों का जवाब हम इस आर्टिकल में आपको देंगे। 

उनके घर में होंगे अंतिम दर्शन (Manoj Kumar Death)

प्राप्त जानकारी के अनुसार मनोज कुमार का पार्थिव शरीर करीब 11:00 बजे उनके मुंबई स्थित घर गोस्वामी टॉवर्स पहुंचाया जाएगा। उनके घर पर ही उनकी देह अंतिम दर्शन के लिए रखी जाएगी। उनका अंतिम संस्कार कल यानी 5 अप्रैल की सुबह करीब 11:00 होगा। मनोज कुमार लंबे समय से बीमार थे। उन्हें फरवरी में तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। 

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दुनिया को उन्होंने शांतिपूर्वक अलविदा कहा

मनोज कुमार के बेटे कुणाल गोस्वामी ने बयान दिया और कहा कि “ पिताजी को स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां लंबे समय से थीं। वह उन्हीं से जूझ रहे थे। भगवान का शुक्र है की अंतिम समय में उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं हुई। उन्होंने दुनिया को शांतिपूर्वक (Manoj Kumar Death Reason) अलविदा कहा है। 

पाकिस्तान में जन्मे थे मनोज कुमार

मनोज कुमार का जन्म (Manoj Kumar Biography) 24 जुलाई 1937 को भारत की आजादी से पहले हरि कृष्ण गिरी गोस्वामी के रूप में पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम सीमांत प्रांत के लाहौर के ऐबटाबाद में हुआ था। विभाजन के बाद वह अपने परिवार के साथ दिल्ली के एक शरणार्थी शिविर में पाल थे। 

मनोज कुमार 1956 में मुंबई आ गए थे। उनकी पहली फिल्म फैशन 1957 में रिलीज हुई थी जिसमें उन्होंने 90 साल के भिखारी की भूमिका निभाई थी। फिल्में की जिसमें मनोज को 1962 में विजय भट्ट की हरियाली और रास्ता से सफलता मिली। वो कौन थी, गुमनाम, दो बटन और हिमालय की गोद में उनकी कई हिट फिल्में थी। मनोज कुमार ने अमर शहीद मूवी में भगत सिंह के रूप में अपना सबसे यादगार प्रदर्शन दिया था।

मनोज कुमार और इंदिरा गांधी (Manoj Kumar Death News) के रिश्ते शुरू में सामान्य थे। इसके बाद 1975 में जब देश में इमरजेंसी लागू हुई, तो हालात एकदम बदल गए। उस समय जो भी कलाकार सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे थे, उनकी फिल्मों को बैन कर दिया जाता था। मनोज कुमार ने भी इमरजेंसी का कड़ा विरोध किया, और इसी के चलते उनकी फिल्मों को भी सेंसरशिप का सामना करना पड़ा। उनकी फिल्म दस नंबरी को सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने प्रतिबंधित कर दिया, और जब शोर रिलीज़ हुई, तो उसे भी इसी तरह रोका गया।

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