Mauni Amavasya के दिन मन की शांति के लिए रखे मौन व्रत
Mauni Amavasya: हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या को बहुत महत्वपूर्ण पर्व के तौर पर माना जाता है। माघ महीने में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। इस बार की मौनी अमावस्या बेहद खास होने वाली है क्योंकि इस दिन महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान किया जाएगा। मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान, दान और मौन व्रत का विशेष महत्व होता है। मौनी अमावस्या का व्रत 29 जनवरी को दूसरे अमृत स्नान के दिन रखा जाएगा।

मौन व्रत रखना लाभकारी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन मौन व्रत रखना लाभकारी होता है। इस दिन मौन व्रत रखने से आत्माशुद्धि, मानसिक शुद्धि और आध्यात्मिक विकास होता है। ऐसा माना जाता है कि मौन व्रत रखने से आत्मा शुद्ध होती है। इसके अलावा मां को शांति मिलती है और विचारों में सकारात्मक आती है।
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मौन व्रत रखने के नियम (Maun Vrat Niyam)
- सबसे पहले सुबह जल्दी उठें। इसके बाद नित्य कार्य कर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
- नदी में स्नान संभव न होने पर घर पर ही स्नान के बाद गंगाजल को अपने ऊपर छिड़क ले और फिर साफ कपड़े पहन लें।
- स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें और मौन रहने का संकल्प ले। संकल्प लेने के बाद भगवान विष्णु, शिव या सूर्य देव का ध्यान करें।
- मौनी अमावस्या के दिन उपवास के दौरान फल, दूध और हल्का भोजन किया जा सकता है।
- मौन व्रत के दौरान कोशिश करें कि किसी शांत जगह पर बैठकर ध्यान करें और मौन व्रत के दौरान लगातार ओम मंत्र का जाप करें।
- मौनी अमावस्या के दिन दान करना पुण्य माना जाता है। मौन व्रत के दौरान किसी से भी बातचीत ना करें।
- मौन व्रत के दौरान क्रोध और ईर्ष्या जैसी भावनाओं से बचे।
कितनी देर तक रखे मौन व्रत?
मानसिक शांति और ध्यान को बढ़ाने के लिए मौन व्रत (mauni amavasya upay) रखें। धार्मिक मान्यता के अनुसार 24 घंटे तक मौन व्रत करना चाहिए। अगर, 24 घंटे मौन व्रत रखना संभव है तो सुबह स्नान के बाद आप 1.25 घंटे तक मौन व्रत रख सकते हैं।