Panchkula Suicide Case: सात लोगों की आत्महत्या का केस देहरादून से जुड़ा
Panchkula Suicide Case: हरियाणा के पंचकूला में एक ही परिवार के 07 लोगों ने आत्महत्या की है। इस मामले में देहरादून पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है। जांच में सामने आया है कि मृतक प्रवीण मित्तल पुत्र देशराज मित्तल का परिवार लगभग 9 महीने पहले तक कोलागढ़ देहरादून में किराए पर रह रहा था। यह मूल रूप से चंडीगढ़ क्षेत्र के रहने वाले थे।
वर्तमान में देहरादून में नहीं था परिवार
वर्तमान में परिवार देहरादून (Panchkula Suicide Dehradun Connection) में नहीं रह रहा था। घटनास्थल से जो गाड़ी मिली है वह मालदेवता देहरादून के गंभीर सिंह नेगी के नाम पर रजिस्टर्ड है। जानकारी मिली कि गंभीर सिंह की मुलाकात मृतक प्रवीण मित्तल से एनजीओ के कार्य हुई थी। मृतक पहले चाइल्ड लाइफ केयर मिशन नाम से एनजीओ चलाता था। इसी दौरान मित्रता के चलते गंभीर नेगी ने उक्त वाहन अपने नाम पर फाइनेंस करवाया था जिसे वर्तमान में प्रवेश मित्तल चलाता था।
कार में जहर खाकर किया सुसाइड (Panchkula Suicide Case)
हरियाणा के पंचकूला में एक ही परिवार के सात लोगों ने कार में जहर खाकर सुसाइड कर लिया है। सभी लोग बागेश्वर धाम की हनुमंत कथा में शामिल होकर लौट रहे थे। इस सामूहिक सुसाइड के बारे में शाश्मदीद पुनीत राणा ने बताया कि कार हमारे घर के पास थी। किसी ने हमें जानकारी दी कि बाहर एक गाड़ी खड़ी है जिस पर टॉवल रखा है। जब हम मौके पर पहुंचे और पूछा तो परिवार के मुखिया प्रवीण मित्तल ने बताया कि हम बागेश्वर धाम बाबा के प्रोग्राम में आए थे। होटल नहीं मिला है इसलिए गाड़ी में सो रहे हैं।
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चश्मदीद ने बताई दिल दहला देने वाली बात
हमने उनको बोला की गाड़ी यहां से हटा लो और कहीं और लगाओ। हमने कर के अंदर देखा तो सब ने एक दूसरे पर उल्टी की हुई थी। इसी बीच प्रवीण मित्तल गाड़ी से बाहर निकले उन्होंने हमें बताया कि मैं भी जहर खाया है। हम सभी कर्ज में डूब गए हैं। मेरे रिश्तेदार बहुत अमीर हैं। लेकिन मेरी किसी ने मदद नहीं की। चश्मा दीदी ने बताया कि इसके बाद मैं अंदर बैठे बच्चों को भी हिला कर देखा लेकिन कोई हिल नहीं रहा था।
समय पर आती एंबुलेंस तो बच सकते थे सब (Panchkula Suicide News)
इसके कुछ ही देर में पुलिस वहां आई थी। गाड़ी के अंदर बहुत ज्यादा बदबू आ रही थी। चश्मदीद ने बताया कि पुलिस जल्दी आ गई थी लेकिन एंबुलेंस 40-45 मिनट बाद आई। अगर एंबुलेंस समय पर आ जाती तो शायद इन लोगों की जान बच जाती। सिर्फ प्रवीण मित्तल ही गाड़ी के बाहर निकले थे। लेकिन कुछ देर बाद उनकी मौत हो गई थी।
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सुसाइड के मामले में पड़ोसी ने दिया बयान
सामूहिक सुसाइड पर प्रवीण मित्तल की एक पड़ोसी ने बयान दिया है। उनके अनुसार यह परिवार बहुत साधारण था। उनकी मां बीमार रहती थी और बच्चे देहरादून के ब्लूमिंग बर्ड्स स्कूल में पढ़ते थे। ससुर की एक दुकान टपकेश्वर मंदिर के पास थी। यह परिवार अपने ससुर के साथ लगभग 1 साल पहले चंडीगढ़ शिफ्ट हो गया था। इससे पहले यह लोग 3 साल तक कोलागढ़ में रहे थे, देहरादून के अंकित विहार और टपकेश्वर मंदिर के पास कुछ समय तक रहे। उसके बाद सभी चंडीगढ़ चले गए।