Pulwama Attack: जब पार्थिव शरीर नहीं हुए थे नसीब, जानें कैसे हुआ था हमला?
Pulwama Attack: आज भारत में पुलवामा हमले की छठी बरसी मनाई जा रही है। पुलवामा हमले को भारत के इतिहास में काले दिन की तरह याद किया जाता है। साल 2019 में आज ही के दिन हमारी सेना को सबसे घातक आतंकवादी हमले का सामना करना पड़ा था। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक आत्मघाती हमलावर ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले को निशाना बनाया था। इसमें 40 बहादुर जवान शहीद (Pulwama Attack) हो गए थे। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि राष्ट्र के प्रति उनका साहस और कर्तव्य पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।

सीआरपीएफ की बस को बनाया था निशान
14 फरवरी 2019 का वह काला दिन (pulwama attack status) जब 22 साल के एक आत्मघाती हमलावर ने CRPF की एक बस को निशाना बनाया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। बस एनएच 44 पर जम्मू से श्रीनगर जा रहे 2,500 अर्धसैनिक बलों और 78 गाड़ियों के एक काफिले का हिस्सा थी। हमलावर की पहचान आदिल अहमद के रूप में की गई थी, जो दक्षिण कश्मीर के पुलवामा इलाके के काकापुरा का एक स्थानीय कश्मीरी जिहादी था। वह पाकिस्तान के आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ था।
पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन ने रची थी साजिश
इस हमले की साजिश पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन Jaish-e-Mohammed ने रची थी। इसमें मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद उमर विस्फोटक ट्रेनिंग के लिए अफगानिस्तान गया था। इसके बाद हमले को अंजाम देने के लिए भारत में घुसपैठ भी की थी।
मारुति कार को हमले के लिए किया गया था मॉडिफाई (pulwama attack planning)
2019 की शुरुआत में एक मारुति EECO कार खरीदी गई थी। इसके बाद हमले के लिए कार को मॉडिफाई किया गया था और RDX और जिलेटिन की छड़ें सहित लगभग 200 किलोग्राम हाई ग्रेड एक्सप्लोसिव से भरा गया था। मसूद अजहर, रऊफ अजगर और अमर अल्वी सहित जैश-ए-मोहम्मद नेताओं ने हमले की योजना बनाई थी। यह हमला तब किया गया था जब भारी बर्फबारी के बाद नेशनल हाईवे दोबारा खुला था।
भारत ने दिया था मुंह तोड़ जवाब (Pulwama Attack Revenge)
14 फरवरी 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद भारत ने जवाब में 26 फरवरी 2019 को Indian Airforce ने पाकिस्तान के बालाकोट (balakot airstrike) में घुसकर एयर स्ट्राइक के जरिए आतंकियों के कैंप को तबाह कर दिया था। 1971 के युद्ध के बाद यह पाकिस्तान के अंदर पहली हवाई हमला था।
भारतीय वायु सेना के मिराज 2000 लड़ाकू विमान ने जैश-ए-मोहम्मद की बालाकोट ट्रेनिंग कैंप को ध्वस्त करते हुए हवाई हमला किया था। हमले में बड़ी संख्या में आतंकवादी, ट्रेनर और वरिष्ठ कमांडर मारे गए थे। भारत की सैन्य प्रतिक्रिया के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था जिसके कारण 27 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना और पाकिस्तान वायु सेना के जेट विमान के बीच हवाई लड़ाई हुई थी।