Rishikesh: चीला नहर में बढ़ते हादसे, जल विद्युत निगम को बड़ा घाटा
Rishikesh: लक्ष्मण झूला पुलिस ने चीला नहर किनारे फेंसिंग जाली लगाई जाने की बात सामने रखी है। नहर में एक साल के अंदर विभिन्न दुर्घटनाओं में 23 लोगों ने अपनी जान गवां दी है। दुर्घटनाओं का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। बैराज से चिल्ला तक 14.02 किलोमीटर लंबी नहर का रास्ता है। नहर किनारे (Rishikesh) सुरक्षा की दृष्टि से सिंचाई विभाग और जल विद्युत निगम की ओर से किसी भी तरह की कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है।

लगातार बढ़ रही दुर्घटनाएं
चीला नहर के पास लगातार दुर्घटनाएं बढ़ रही थी। इसके बावजूद भी नहर किनारे सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षात्मक जाली तक नहीं लगाई गई है। विभिन्न दुर्घटनाओं में जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 तक 23 लोगों की जान चली गई है। पिछले कुछ सालों से दुर्घटनाओं का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
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इस वजह से हो रही दुर्घटनाएं
चीला नहर के पास हो रही घटनाओं के प्रमुख कारण तेज रफ्तार में वाहन चलाना, नहर में पैर फिसलने, नहर किनारे खड़े होकर सेल्फी लेना और नहर से सटकर बैठता है। नहर किनारे बैराज से चिल तक 14 किलोमीटर लंबी सड़क की मरम्मत सिंचाई विभाग द्वारा की जाती है। और नहर की मरम्मत जल विद्युत निगम के द्वारा की जाती है। हालांकि वर्तमान में जल विद्युत निगम की ओर से तीन फीट ऊंची दीवार बनाई गई है। नहर वाला यह क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
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जल विद्युत निगम की ओर से लगाए गए 28 चेतावनी बोर्ड
नहर किनारे जल विद्युत निगम की ओर से 28 चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं। जिला नहर में दुर्घटना होने पर शब्द ढूंढने के लिए घंटे तक नहर बंद रहती है और विद्युत उत्पादन ठप हो जाता है। जिस वजह से जल विद्युत निगम को करोड़ों का नुकसान होता है।