ऋषिकेश

Rishikesh News: लाखों की संख्या में कांवड़ियों ने नीलकंठ महादेव के किए दर्शन

Rishikesh News: कावड़ मेले में पंचक का साया शिव भक्तों की आस्था नहीं रोक पाया। पंचक के तीसरे दिन नीलकंठ मंदिर ऋषिकेश में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। नीलकंठ के पैदल मार्ग और मोटर मार्ग पर हर-हर महादेव के उद्घोष से पूरा क्षेत्र गूंज गया। सुबह से लेकर शाम तक नीलकंठ धाम में करीब 2 लाख 61 हजार से ज्यादा शिवभक्तों ने जलाभिषेक किया।

अब तक लाखों की संख्या में हुआ जलाभिषेक (rishikesh news)

नीलकंठ मंदिर में अब तक करीब 13,21,898 शिव भक्त जलाभिषेक कर चुके हैं। मंगलवार के दिन लक्ष्मण झूला, स्वर्गाश्रम, मुनिकीरेती के गंगा घाट और तट पर स्नान करने के लिए कांवड़ियों की भीड़ देखने को मिली। सभी शिवभक्तों ने गंगा में स्नान के बाद जल भरकर नीलकंठ धाम के लिए यात्रा शुरू की।

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पैदल मार्ग पर दिखी भीड़

नीलकंठ पैदल मार्ग और मोटर मार्ग पर कांवड़ियों की भीड़ दिखाई दी। पुलिस कंट्रोल रूम के अनुसार नीलकंठ धाम में मंगलवार को 2,61,680 शिव भक्तों ने जलाभिषेक किया है। नीलकंठ गर्भ ग्रह से लेकर पैदल मार्ग पर जलाभिषेक के लिए शिव भक्तों की लंबी लाइन देखने को मिली। कावड़ के मेले में सुरक्षा के लिए चाकचौबंद व्यवस्था की गई है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मचारी (neelkanth mandir rishikesh) भी तैनात है। नीलकंठ पैदल मार्ग पर पुलिस और पार्क प्रशासन के कर्मचारी लगातार दशक बनाए हुए हैं।

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क्यों प्रसिद्ध है नीलकंठ मंदिर? 

आप सभी ने नीलकंठ महादेव मंदिर का नाम सुना होगा। लेकिन, क्या आपने सोचा है कि आखिर नीलकंठ महादेव मंदिर क्यों प्रसिद्ध है? दरअसल, धार्मिक मान्यता के अनुसार चिरकाल में जब समुद्र मंथन के दौरान विष की प्राप्ति हुई थी। तब इस विष का पान भगवान शिव ने किया था। भगवान शिव को ऐसा करते देख माता पार्वती ने शिव जी का गला पकड़ लिया था। जिसकी वजह से विष (Rishikesh Neelkanth Temple) अंदर नहीं जा पाया। इस तरह से विष भगवान शिव जी के गले में ही रह गया। विष के असर से भगवान शिव का गला नीला हो गया। जिस वजह से उन्हें नीलकंठ नाम से जाना जाता है। इसी वजह से इस जगह को भी नीलकंठ महादेव मंदिर का नाम दिया गया।

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