Rishikesh Ramleela: रामलीला छोड़ आखिर क्यों कोतवाली पहुंचे भगवान राम?
Rishikesh Ramleela: ऋषिकेश में राम बारात निकालने की अनुमति न मिलने पर सभी पात्र तैयार होकर कोतवाली पहुंच गए। 70 साल पुरानी सुभाष बनखंडी श्री रामलीला कमेटी की तरफ से आयोजित श्री रामलीला का मंचन करने के लिए मुकदमों के कारण रामलीला के सभी पात्र रामलीला की वेशभूषा में तैयार होकर कमेटी के पदाधिकारी के साथ कोतवाली पहुंच गए। जहां सभी कलाकारों ने प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तारी की मांग की।
राम बारात पहुंची कोतवाली (Rishikesh Ramleela)
बीते मंगलवार को सुभाष बनखंडी श्री रामलीला कमेटी (rishikesh news) की ओर से राम बारात निकाली जानी थी। बारात रामलीला स्थल से होते हुए नगर क्षेत्र में भ्रमण करती लेकिन कमेटी को नगर क्षेत्र में बारात निकालने की अनुमति नहीं दी गई। जिसकी वजह से गुस्सा आए कलाकार और कमेटी के पदाधिकारी समिति कई लोग कोतवाली पहुंच गए।
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कमेटी और उसकी संपत्ति पर कब्जे की नियत
कमेटी के अध्यक्ष हरिराम अरोड़ा और महामंत्री योगेश कालरा ने आरोप लगाया है कि पुलिस शिकायत प्रकोष्ठ में बैठे व्यक्ति और कुछ अन्य राजनीतिक रिश्तेदार लोगों की ओर से कमेटी और उसकी संपत्ति पर कब्जा करने की नीयत रख रही है। इसी वजह से अपनी राजनीतिक पहुंच के कारण सरकार को गुमराह और भ्रमित किया जा रहा है। इसके अलावा कमेटी के कलाकारों, संगीतज्ञ और पदाधिकारी पर भी लगातार मुकदमे किया जा रहे हैं।
रामलीला किए जाने से रोका जा रहा (Rishikesh Ramleela News)
पदाधिकारी ने आरोप लगाया है कि उन्हें रामलीला किए जाने से रोका जा रहा है। साथ ही उन्हें राम बारात निकालने और दशहरे के दिन रावण दहन करने की अनुमति न देने का भी दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने अभी कहा की थी मुख्यमंत्री धामी की भाजपा सरकार राम भक्त होने का दावा करती है। उन पर कमेटी के समस्त पदाधिकारी को भरोसा है कि राम भक्त भाजपा सरकार (rishikesh ramleela committee news) के कारण कुछ राजनीतिक दलों का दबाव कम नहीं कर पाएगा।
मुख्यमंत्री धामी से की मांग
सभी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (cm dhami) से मांग की है कि उनकी ओर से जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप हो और रामलीला को रोकने का प्रयास करने वाले षडयंत्रकर्ताओं के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। इसके अलावा रामलीला के सभी कलाकारों और पदाधिकारी पर हुए झूठे मुकदमे भी वापस लिए जाएं।
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एसडीएम ने दिया बयान (Rishikesh Ramleela Committee)
इस पूरे मामले में एसडीएम योगेश मेहरा ने बताया है कि प्रशासन की तरफ से पहले ही दोनों पक्षों को अनुमति नहीं दी गई है। अगर शांति भंग की नौबत आएगी तो पुलिस को अपने स्तर से कार्रवाई करनी पड़ेगी।