Sensex Today: ट्रम्प को नहीं भा रहा भारत का रूस से तेल का व्यापार
Sensex Today: विदेशी मुद्रा कारोबारी ने जानकारी दी है कि अमेरिका के ऋषि तेल खरीदना जारी रखने पर भारत पर उच्च शुल्क लगाने की धमकी देने से इन्वेस्टरों की धारणा प्रभावित हुई है। विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी के बीच सेंसेक्स और निफ्टी में आज शुरुआती कारोबार में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
बुरी तरह से गिरा सेंसेक्स (Sensex Today)
बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 315.03 अंक या 0.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,710.25 अंक पर और एनएसई निफ्टी 41.80 अंक या 0.17% की दर से फिसल कर 24680.95 अंक पर आ गया है।
इन कंपनियों में सबसे ज्यादा गिरावट
सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों (looser companies shares today) में एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, आइसीआइसीआइ बैंक, अदानी पोर्ट्स, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, हिंदुस्तान युनिलीवर, एशियन पेंट्स और टाटा स्टील के शेयर सबसे ज्यादा धड़ल्ले से गिरे हैं।
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अमेरिका ने लगाया भारत पर आरोप (america tariff news)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिन सोमवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर अमेरिकी शुल्क में बढ़ोतरी करने जा रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर भारी मात्रा (Sensex Today) में रूस से तेल खरीदने और उसे बड़े मुनाफे पर बेचने का आरोप लगाया है।
भारत ने किया पलटवार
इस मामले में भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद के लिए उसे अनुचित और विवेकपूर्ण तरीके से निशाना बनाने (sensex today) के लिए सोमवार को अमेरिका और यूरोपीय संघ पर निशाना साधा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद रूस से तेल आयात करने की वजह से भारत को अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा निशाना बनाया गया है। भारत ने रूस से आयात करना इसलिए शुरू किया है क्योंकि संघर्ष शुरू होने के बाद पारंपरिक आपूर्ति यूरोप को मोड़ दी गई थी। उस समय अमेरिका ने वैश्विक ऊर्जा बाजार की स्थिरता को मजबूत करने के लिए भारत द्वारा इस तरह के आयात को एक्टिव रूप से प्रोत्साहित भी किया था।
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क्यों अमेरिका को भारत के रूस से तेल खरीदने पर दिक्कत?
रूस पर प्रतिबंध
अमेरिका और यूरोपीय देश ने रूस पर भारी आर्थिक प्रतिबंध (america india tariff issue) लगाया हुआ है। यह खासकर यूक्रेन युद्ध के बाद हुआ है। इनका मकसद है रूस की आर्थिक कमर तोड़ना जिससे वह युद्ध जारी न रख सके। लेकिन भारत रूस से सस्ते दाम पर तेल खरीद रहा है तो रूस को पैसे मिल रहे हैं। जिससे अमेरिका की रणनीति कमजोर हो रही है।
भारत का न्यूट्रल रुख
अमेरिका चाहता है कि भारत साफ तौर पर रूस के खिलाफ होकर सामने आए। लेकिन भारत न्यूट्रल फॉरेन पॉलिसी यानी तटस्थ नीति अपनाता है। इसका मतलब दोनों से संबंध बनाए रखना। ऐसा करने से अमेरिका को लगता है कि भारत रूस को अप्रत्यक्ष रूप से सपोर्ट कर रहा है
अमेरिका दबाव की रणनीति (Sensex Today)
डोनाल्ड ट्रंप जैसे नेता ट्रेड टैरिफ की धमकी देते हैं जिससे दूसरा देश दबाव में आए। अमेरिका भारत पर इसलिए शुल्क बढ़ा रहा है जिससे भारत दबाव में आकर रूस से दूरी बना लें।
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बाजार का नियंत्रण
अमेरिका खुद तेल का बड़ा निर्यातक है और चाहता है कि भारत (india and america tension) जैसे बड़े उपभोक्ता देश उससे ज्यादा से ज्यादा तेल खरीदे जिससे अमेरिकी तेल कंपनियों को फायदा हो। यानी कि भारत का रूस से तेल लेना सीधा अमेरिका के लिए आर्थिक नुकसान बन रहा है।
राजनीतिक संदेश
अमेरिका अपने बाकी सहयोगी देशों को यह दिखाना चाहता है की जो भी रूस के साथ व्यापार करेगा उसे अंजाम भुगतना होगा। भारत को निशाना बनाकर अमेरिका दुनिया को एक कड़ा संदेश देना चाहता है।
भारत की स्थिति:
भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए स्वयं फैसला लेगा और रूस से तेल खरीदना पूरी तरह से कानूनी है। भारत ऐसा करके कोई प्रतिबंध नहीं तोड़ रहा है।