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हल्द्वानी में गूंजा न्याय का नारा, छात्र की मौत पर हत्या का आरोप

हल्द्वानी निवासी ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के छात्र दीपांशु पांडेय की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला बढ़ता जा रहा है। दौलिया क्षेत्र के ग्रामीणों ने शुक्रवार को पूर्व प्रधान कैलाश भट्ट और सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी के नेतृत्व में एसएसपी कार्यालय का घेराव भी किया। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने की मांग करते हुए दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने की अपील की है। उनका कहना है कि अगर पुलिस ने शीघ्र कदम नहीं उठाए, तो वह बड़ा आंदोलन भी करने के लिए तैयार है।

पिता ने लगाया बेटे के साथी पर मौत का आरोप 

मृतक के पिता गोपाल दत्त पांडे ने पुलिस को दी गई तहरीर में दीपांशु के साथी सुमित यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि सुमित लंबे समय से दीपांशु को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था। घटना के दिन दीपांशु ने घर लौटने की सूचना दी थी, लेकिन कुछ देर बाद सुमित यादव ने फोन कर बताया कि दीपांशु ने आत्महत्या कर ली है। सुमित ने धमकी दी कि अगर उसे इस मामले में फंसाया गया, तो वह पूरे परिवार को बर्बाद कर देगा। परिवार का आरोप है कि सुमित ने वीडियो कॉल के जरिए दीपांशु का शव दिखाते हुए उन्हें डराया ओर धमकाया था। 

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ग्रामीणों ने उठाया पुलिस पर सवाल 

ग्रामीणों ने पुलिस से की बातचीत

ग्रामीणों और परिजनों ने आरोप लगाया कि घटना में सुमित यादव के साथ अन्य तीन-चार लोग भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने मांग की कि पुलिस सभी संदिग्धों को गिरफ्तार कर सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूत जुटाए। ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि एसएसआई रोहताश सागर ने  घटना पर मौजूद जनप्रतिनिधियो व परिवारजनों से नेतागिरी करने का आरोप लगाया है। जो कतई बर्दाश्त नही है। साथ ही घटनास्थल पर पुलिस का देर से पहुचने व लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सबूत जुटाने के लिए केवल मोबाइल की टॉर्च का इस्तेमाल किया गया, जो पूरी तरह से गैर-पेशेवर था। 

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हम पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं- पूर्व प्रधान कैलाश भट्ट 

ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक वे शांत नहीं बैठेंगे। पूर्व प्रधान कैलाश भट्ट ने कहा, “हम पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं। दोषियों को सख्त सजा दिलाने के लिए जो भी कदम उठाने होंगे, हम उठाएंगे।”  

यह पूरे क्षेत्र की न्याय की लड़ाई है- पीयूष जोशी

सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी ने पुलिस प्रशासन से चेतावनी दी है कि इस मामले में मुकदमा दर्ज कर  जाच के बाद जल्द से जल्द फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजा जाए, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। उन्होंने कहा, “यदि दोषियों पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई, तो क्षेत्र के लोग आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। यह केवल एक परिवार की लड़ाई नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की न्याय की लड़ाई है।”

सीओ नितिन लोहनी ने ग्रामीणों और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित की जाएगी। सीओ ने यह भी बताया कि पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल द्वारा वीडियोग्राफी के साथ किया जा रहा है, ताकि निष्पक्षता बनी रहे।

"यह लेख जुलाई 2025 में तकनीकी रूप से अपडेट किया गया।"

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