Uttarakhand Flood: हर्षिल पर छाया खतरा! पहाड़ पर बनी दो झीलें
Uttarakhand Flood: इस बार मानसून सीजन उत्तराखंड में पहाड़ों से लेकर मैदाने तक काल बनकर आया है। हालांकि, इसमें सारी गलती मनुष्य की है। प्रकृति से बेवजह का हस्तक्षेप करने की सजा सभी को झेलनी पड़ रही है। उत्तरकाशी पहाड़ी जिलों में सबसे ज्यादा प्रभावित है। जहां पहले धराली आपदा आई और फिर हर्षिल में सेना के कैंप पर लैंड साइड हुआ। जिसकी वजह से जिले की सभी प्रमुख सड़के लैंडस्लाइड से ध्वस्त हो गई। यह सब रुका तो सयानाचट्टी में यमुना नदी पर गधेरे से आए मलबे से झील बन गई और इलाके के मकान समेत दुकान और स्कूल पानी में डूब गए। अब एक और नई परेशानी सामने आई है।
दो जिलों ने लिया झीलों का आकार (Uttarakhand Flood)
हर्षिल के तेलगाड़ के मुहाने के पास गुरुवार को पहाड़ी से भूस्खलन हुआ था। जिसके कारण वहां पर दो जिलों ने आकार ले लिया है। एसडीआरएफ के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार फिलहाल झीलों का आकार ज्यादा बड़ा नहीं है। यह तस्वीर सेना के ड्रोन से ली गई है। प्रशासन आगे की कार्रवाई में जुटा हुआ है। प्रशासन के द्वारा दिए गए निर्देश के बाद एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंचने का प्रयास कर रही है। जिससे स्थलीय निरीक्षण कर स्थिति का सही आकलन किया जा सके।
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मौसम ने बढ़ाई मुश्किलें
एसडीआरएफ की टीम ड्रोन के साथ मौके पर पहुंचने की कोशिश कर रही है। लेकिन, मौसम साफ न होने के कारण वह सफल नहीं हो पाए हैं। उसके बाद शुक्रवार को दोबारा मौसम साफ होने के बाद उसे क्षेत्र में ड्रोन से निरीक्षण करने की कोशिश की गई। लेकिन, तेज हवाओं के कारण ड्रोन भी नहीं चल पाया। बृहस्पतिवार को सेना ने सुरक्षा को देखते हुए उच्च तकनीक ड्रोन से उस क्षेत्र का वीडियो और तस्वीरें खींची। जिसमें भूस्खलन वाले स्थान पर दो छोटी झीलों की तस्वीर सामने आई है।
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लगातार बढ़ रहा झीलों का खतरा (Uttarakhand Flood News)
बीते महीने 5 अगस्त को तेलगाड के गधेरे में उफान आने के कारण उसमें भी पानी के साथ करीब 15 फीट मलबा भरकर आया था। जिसमें सेना के नौजवान लापता हो गए थे और सैनिक कैंप को भी बहुत नुकसान हुआ था। अभी तक लापता सैनिकों में से केवल एक का ही शव मिला है। तेलगाड में आए मलबे ने भागीरथी नदी का प्रभाव रोक दिया था। जिस वजह से भागीरथी नदी में करीब एक से डेढ़ किलोमीटर लंबी झील बन गई थी। ऐसा होने पर हर्षिल हेलीपैड और गंगोत्री हाईवे का 100 मी का हिस्सा डूब गया था। हालांकि मौसम साफ और स्थिति सामान्य होने के बाद से भागीरथी नदी में बनी झील को खोलने का कार्य चल रहा है।