Uttarakhand Missing Children: राज्य में हर दिन तीन बच्चे हो रहें लापता
Uttarakhand Missing Children: रुड़की से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, पिरान कलियर दरगाह परिसर से 4 साल की एक बच्ची गायब हो गई है। बच्ची की नानी ने थाने में तहरीर दी है। जिसमें उन्होंने अपनी नाती के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि 6 अक्टूबर 2025 को सुबह 10:00 बजे के पास दरगाह साबिर पार्क में बच्चे अपनी मां और नानी के साथ गई थी। इस दौरान वह अचानक से लापता हो गई।
बच्चों की तलाश में लगी पुलिस (Uttarakhand Missing Children)
परिजनों ने खुद से काफी तलाश की लेकिन बच्ची का कोई भी पता नहीं चल पाया। बच्ची की नानी निवासी जिला मुरादाबाद अप ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है। फिलहाल पुलिस बच्चों की तलाश कर रही है। काफी समय से बच्चों के लापता होने की संख्या में इजाफा हुआ है। हालांकि पुलिस उन्हें ढूंढ कर वापस उनके परिजनों को सौंप भी रही है। लेकिन, हैरानी वाली बात है कि छोटे से लेकर बड़ी उम्र तक के बच्चे आखिर गायब कहां हो रहे हैं।
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लापता होने की चौंकाने वाली दर
पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में बच्चों के लापता होने का बेहद चिंताजनक दौर जारी है। यह घटनाएं राज्य के शांतिपूर्ण और आस्था स्थल होने की छवि पर कलंक लगा रही है। पुलिस की कड़ी निगरानी और जागरूकता अभियान के बावजूद आधिकारिक आंकड़े लापता होने की दर को चौंका देने वाला और बेहद चिंताजनक बताते हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की वित्तीय वर्ष 2023-24 की नई रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में हर दिन औसतन तीन बच्चे लापता होते हैं।
रिपोर्ट में क्या बताया गया? (Uttarakhand Missing Children Data)
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस अवधि के दौरान 18 वर्ष से कम आयु के कुल 1,209 बच्चे लापता बताए गए। सबसे दुखद आंकड़ा उनके कम बरामदगी दर है। इनमें से केवल 276 बच्चे ही अपने परिवारों से मिल पाए हैं जिससे 933 बच्चे अभी भी लापता है। रिपोर्ट में लापता नाबालिगकों का और बुरा दिया गया है। जिसमें 408 लड़के और 802 लड़कियां लापता बताई गई हैं। इनमें से केवल 128 लड़के और 148 लड़कियां मिली है।
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सामाजिक कार्यकर्ता ने उठाया मुद्दा
सामाजिक कार्यकर्ता लगातार इस संकट पर गहरी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने जानकारी दी है कि यह स्थिति बेहद चिंताजनक है और खासकर तब जब राज्य पुलिस हर साल लापता बच्चों का पता लगाने के लिए ऑपरेशन स्माइल चल रही हो।