उत्तराखंड निकाय चुनाव में प्रत्याशियों की खैर नहीं, जारी होगा आपराधिक डाटा
उत्तराखंड निकाय चुनाव (Uttarakhand Nikay Chunav)में इस बार लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह ही नेताओं को अपना आपराधिक डाटा देना होगा। निर्वाचन आयोग यह जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी को देगा। इसके बाद जिला निर्वाचन अधिकारी अपनी वेबसाइट पर इस डाटा को प्रसारित करेंगे। साथ ही अखबारों के माध्यम से भी जनता के बीच यह जानकारी पहुंचाई जाएगी। आयोग ने यह शुरुआत पहली बार की है।
आपराधिक मामलों में फंसे प्रत्याशियों की खैर नहीं
उत्तराखंड निकाय चुनाव में बोर्ड या निकाय अध्यक्ष का चुनाव (Uttarakhand) लड़ने वाले प्रत्याशियों की इस बार खैर नहीं होगी। सभी को इस बार शपथ पत्र पर अपना आपराधिक ब्यौरा भी देना होगा। इसमें उस प्रत्याशी के खिलाफ किस थाने में किन धाराओं में कितने मुकदमे दर्ज हैं, यह जानकारी जिला अधिकारी को देनी होगी। जिला अधिकारी के स्तर से सभी ऐसे प्रत्याशियों का यह डाटा किसी प्रचार के माध्यम जैसे वेबसाइट आदि पर जारी करना होगा।
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आम जनता तक अखबार के माध्यम से पहुंचेगी जानकारी
खास बात यह है कि जनता के बीच भी इस सूचना को जारी किया जाएगा। इसके लिए सबसे अच्छा माध्यम अखबार चुना गया है। जनता के बीच सूचना अखबारों के माध्यम से दी जाएगी ताकि मतदाता अपने प्रत्याशी का आपराधिक रिकॉर्ड (uttarakhand politics) वेबसाइट पर जाकर देख सके। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार निकायों में अपराधिक प्रवृत्ति को कम करने, मतदाताओं के बीच उसकी जानकारी देने के मकसद से यह बदलाव किया गया है।