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Uttarakhand: 7000 से अधिक ग्राम पंचायत में पंचायत चुनाव टलने जा रहे

Uttarakhand: उत्तराखंड की 7000 से अधिक ग्राम पंचायत में पंचायत चुनाव टलने जा रहे हैं। शासन की ओर से संकेत मिल रहे हैं कि इन पंचायत में नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा। राज्य में हरिद्वार में छोड़कर अन्य जिलों की ग्राम पंचायत का कार्यकाल पिछले साल 28 नवंबर 2024 को समाप्त हो चुका था। क्षेत्र पंचायत का कार्यकाल 30 नवंबर और जिला पंचायत का कार्यकाल 2 दिसंबर को समाप्त हो गया था। 

फिर से टल गए पंचायत चुनाव (Uttarakhand Gram Chunav)

नियम के अनुसार इन सभी पंचायत में चुनाव हो जाने चाहिए थे। लेकिन, शासन का कहना है कि त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने के पहले अप्रिय परिस्थितियों के चलते चुनाव नहीं कराए जा सकेंगे। ऐसे में शासन ने पहले सहायक विकास अधिकारियों और बाद में नहीं वर्तमान ग्राम प्रधानों को प्रशासक नियुक्त कर दिया था। 

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इसी महीने खत्म होगा प्रशासकों का कार्यकाल (Uttarakhand)

सभी प्रशासक 6 महीने या फिर नई पंचायत के गठन तक के लिए नियुक्त (uttarakhand panchayat chunav) किए गए थे। इस महीने इन प्रशासकों का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। लेकिन अब तक ना तो ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रक्रिया पूरी हो पाई है और ना ही दो से अधिक बच्चों वाले मामले पर पंचायती राज अधिनियम में संशोधन हुआ है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अगर तुरंत कार्रवाई शुरू हो भी जाए तो ओबीसी आरक्षण लागू करने में 10 से 15 दिन लगेंगे और चुनाव प्रक्रिया पूरी करने में 25 से 3 दिन का समय चाहिए होगा। 

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फिर से बढ़ेगा क्षेत्र और जिला panchayat का कार्यकाल

ऐसा माना जा रहा है कि ग्राम पंचायत के साथ-साथ क्षेत्र और जिला पंचायत में भी प्रशासकों का कार्यकाल फिर से बढ़ा दिया जाएगा। पंचायत संगठन के संयोजक जगत सिंह ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल प्रशासनिक समिति के माध्यम से बढ़ना चाहिए था। लेकिन तीनों पंचायत को प्रशासकों के हवाले कर दिया गया है। इससे राज्य वित्त और 15वें वित्त आयोग के करीब 16 करोड़ रुपए की राशि 15 जिलों में खर्च नहीं हो पा रही है। उन्होंने इस बात की मांग की है कि सरकार को बिना देरी किए पंचायत चुनाव कराने चाहिए ताकि विकास कार्य प्रभावित न हो।

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