उत्तराखंड

Uttarakhand Waqf Board के अध्यक्ष शादाब शम्स ने दिया बड़ा बयान

Uttarakhand Waqf Board: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने वक्फ संशोधन विधेयक पर बयान दिया है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन विधेयक से गरीब मुसलमान को उनका हक मिलेगा। अधिनियम में बदलाव से उनके अच्छे दिन आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक का उद्देश्य देश में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन (Uttarakhand Waqf Board) में सुधार करना है। 

गरीबों के हक में हो रहा बदलाव

शादाब शम्स ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक (waqf bill ) से गरीब मुसलमान को अपना हक मिलेगा। केंद्र सरकार द्वारा यह फैसला गरीब मुसलमान के हक के लिए ही किया जा रहा है। वक्फ अधिनियम 1995 मुसलमान की दान की गई संपत्तियों के प्रबंधन (what is waqf bill) को नियंत्रित करता है।   

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प्रदेश में कितनी वक्फ संपत्तियां?

उत्तराखंड में 5388 वक्फ संपत्तियों है। इसमें सबसे अधिक 1930 संपत्तियां हरिद्वार जिले में मौजूद है। 1721 संपत्तियों देहरादून जिले में है। इसके अलावा अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़ आदि जिलों में भी वक्फ की संपत्तियां है।  

वक्फ में शामिल होती है यह संपत्तियां

वक्फ संपत्तियों (waqf property) में औकाफ, कब्रिस्तान, मस्जिद, दरगाह और मजार, मदरसा, मकबरा, ईदगाह, कृषि भूमि, इमामबाडा और करबला, तकिया, मुसाफिर खाना, स्कूल, हुजरा, मकान, दुकान आदि शामिल हैं। वहीं, करोड़ों की वक्फ संपत्तियों पर कुछ लोग कब्जा जमाए हैं।

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क्यों हो रहा है बदलाव? (Uttarakhand Waqf Board)

भारत में करीब 8.7 लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जो 9.4 लाख एकड़ भूमि पर फैली हुई हैं, जिससे यह देश का तीसरा सबसे बड़ा जमीनी मालिक बनता है। मंत्री रिजिजू (kiren rijiju) का कहना है कि भारत में दुनिया की सबसे अधिक वक्फ संपत्तियां हैं, लेकिन मौजूदा कानूनों में खामियों के कारण उनका सही उपयोग नहीं हो पा रहा है। यह नया बिल इन संपत्तियों की बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए लाया गया है। मंत्री रिजिजू के अनुसार, इतनी बड़ी संपत्तियों से मात्र 100 करोड़ रुपये सालाना आमदनी होती है, जबकि यह हजारों करोड़ होनी चाहिए।

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