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UTTARAKHAND KE RATAN: गणितज्ञ हरिमोहन ऐठानी- 42 अवार्ड विजेता

UTTARAKHAND KE RATAN: गणित विषय को लेकर अक्सर छात्र-छात्राओं के बीच डर का माहौल बना रहता है। लेकिन, गणित का प्रयोग लगभग हर व्यक्ति रोजाना करता है। जब भी आकलन करने की बात आती है तो वह गणित के बिना असंभव है। आपका अपना न्यूज़ पोर्टल VARTA 360 देवभूमि उत्तराखंड के ऐसे अनमोल रत्नों के बारे में जानकारी देगा। जिनके बारे में प्रदेश समेत देश के युवाओं को भी जानना चाहिए और प्रेरणा लेनी चाहिए। “उत्तराखंड के रतन” सीरीज में आपको हफ्ते में एक दिन ऐसे ही अनमोल रतन के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस सीरीज में हम शुरुआत करेंगे देवभूमि उत्तराखंड के बागेश्वर स्थित ऐठाण कपकोट निवासी गणितज्ञ हरिमोहन ऐठानी से जिन्होंने बच्चों के बीच से गणित का भय निकाला हैं। 

हरिमोहन ऐठानी आम शिक्षक नहीं है, बल्कि इनके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गणित के दो अंतरराष्ट्रीय ओपन रिव्यू जनरल प्रकाशित हो चुके हैं। इन्होंने अब तक लगभग 42 राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड और अवार्ड हासिल कर लिए हैं। यह सभी उपलब्धियां हरिमोहन ऐठानी ने गणित विषय में हासिल किए हैं। आगे उनके बारे में अधिक जानकारी पढ़ते हैं। 

कपकोट के ऐठाण (bageshwar news) निवासी हरिमोहन ऐठानी पेशे से शिक्षक हैं। हालांकि, वह वर्तमान में विद्यालयों में पढ़ने की जगह इंटरनेट मीडिया के माध्यम से विद्यार्थियों को गणित, रीजनिंग और शार्ट ट्रिक सीखा रहे हैं। साथ ही उन्हें प्रतियोगी परीक्षा के लिए भी तैयार कर रहे हैं। ऐसा करने से विद्यार्थी कम समय में प्रश्न हल करने में सफलता हासिल कर रहे हैं।

हरिमोहन ऐठानी की मैजिक बॉक्स ट्रिक्स (UTTARAKHAND KE RATAN)

साल 2009 में हरिमोहन ऐठानी लगभग 1,260 घंटे यानी 53 दिनों में बिना किसी गणना यंत्र या कैलकुलेटर के 4:30 चार्ट पेपर्स में मैजिक स्क्वायर लिखे थे। मैजिक स्क्वायर एक वर्गाकार ग्रिड है, जिसमें बराबर row और कॉलम होते हैं, यह अलग अलग ऑर्डर के होता हैं जैसे 3×3,4×4,5×5। इनके अंदर कई अंक और संख्याएं होती हैं, एक ग्रिड के अंदर कोई भी संख्या दुबारा रिपीट नहीं होती है, इसके अंदर जो भी संख्याएं है। उनको आड़ा, सीधा और तिरछा कैसे भी जोड़ा जाए हर तरीके से योग समान आता है।

जहां तक इसका दैनिक जीवन में  उपयोग वाली बात है , कई लोग अपने घर के मंदिरों में इसको श्री यंत्र के रूप में रखते हैं। इसको मायावी वर्ग या जादुई वर्ग भी कहते हैं और इसे मैजिक पजल भी कहते हैं। यह एक प्रकार से रिक्रिएशन गणित का भी अंग है। जहां तक उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इसका अनुप्रयोग वाली बात है। विशेष रूप से इसका उपयोग ग्राफ थ्योरी को विकसित करने में किया जाता है।

उन्होंने बिना किसी कैलकुलेटिंग डिवाइस के 1260 घंटे में 450 चार्ट पेपर में 48,000 मैजिक स्क्वायर लिखे थे। उन्होंने यह वर्ष 2009 में यह उलब्धि हासिल की थी, जिसकी 13 किलोग्राम की एक बुक बनाई गई है।

हरिमोहन ऐठानी का जीवन परिचय (UTTARAKHAND KE RATAN)

हरिमोहन सिंह ऐठानी स्नातक हैं। उनका गणित विषय से विशेष लगाव रहा है, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए शॉर्ट ट्रिक खोजना, नए-नए क्रिएटिव  सूत्र खोजना, राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय स्तर पर गणित के जटिल सिद्धांतों को अपने तरीके से हल निकालना और नए-नए रीजनिंग खोजना और उनके सूत्र निकालना हरिमोहन सिंह ऐठानी की हॉबी है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जहां एक तरफ बड़े से लेकर छोटे लोग गणित से भागते है। वहीं दूसरी ओर बिना किसी पीएचडी के सभी उपलब्धियां हासिल की हैं। यह सब सेल्फ-टॉट (self taught) की उपलब्धि है।

हासिल किए अनगिनत अवार्ड

अंतराष्ट्रीय स्तर पर गणित के दो अंतराष्ट्रीय ओपन रिव्यू जर्नल प्रकाशित हो चुके हैं। इन्होंने 15 दिनों में एक अंतर्राष्ट्रीय गणित की जटिल थ्योरी का हल देने का प्रयास किया था। जो संख्या सिद्धांत पर आधारित है। यह अब तक लगभग 42 राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय रिकॉर्ड, अवार्ड हासिल कर चुके हैं, जो सारे गणित कैटेगरी के हैं। इनकी उपलब्धियों के आधार पर   वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर क्लब (इंडिया) और इंटरनेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड ब्रेकर क्लब (जर्मनी) ने इनका नाम क्लब मेंबर के रूप में अंकित किया है।

जिनमें से कुछ खास उपलब्धियों का विवरण इस प्रकार है-

  • लिम्का बुक ऑफ नैशनल रिकॉर्ड
  • लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
  • इंडियन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
  • यूनिवर्सल रिकॉर्ड  फोरम
  • मैथ जीनियस वर्ल्ड रिकॉर्ड
  • एवरेस्ट बुक और वर्ल्ड रिकॉर्ड
  • असम बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
  • वंडर बुक ऑफ इंटरनेशनल रिकॉर्ड
  • इनफिनिटी बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
  • एक्सक्लूसिव बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
  • कल्कि बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
  • कलाम बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
  • स्टेट बुक ऑफ अप्रूवल रिकॉर्ड
  • नेशनल जूरी अवार्ड
  • राष्ट्रीय कल्कि अवार्ड
  • इंटरनेशनल बेस्ट टीचर अवार्ड
  • इंटरनेशनल आइकन अवार्ड
  • उत्तराखंड आइकन अवार्ड
  • इंडिया स्टार आइकन अवार्ड
  • प्राइड ऑफ इंडिया अवार्ड

यह सभी रिकॉर्ड और अवार्ड हस्तलिखित मैजिक स्क्वायर की  (13 किलोग्राम भार ) की किताब, और कम से कम समय में गणित के अन्य सिद्धांतों को अपने तरीके से कम से कम समय में सत्यापित करने में मिले हैं। जहां तक इनकी उपलब्धियों को आगे बढ़ाने की बात है, मुख्य और अहम योगदान सर्वप्रथम अमर उजाला बागेश्वर का रहा है। वर्ष 2009  में इनके द्वारा मात्र 1260 घंटे (53 दिनों) में बिना किसी गणना यंत्र के मैजिक स्क्वायर लिखे थे, प्रतिष्ठित राष्ट्रीय समाचार पर अमर उजाला ने ही इनको सर्वप्रथम प्रमोट किया था।

सामान्य ज्ञान और करेंट अफेयर्स के प्रश्न

सामान्य ज्ञान और करेंट अफेयर्स के माध्यम से भी हरिमोहन सिंह ऐठानी (harimohan singh aithani) की उपलब्धियां को साझा किया जा चुका है। वह विशेष रूप से भारत के महान गणितज्ञ श्री रामानुजन को यह अपना आदर्श मानते हैं। हरिमोहन सिंह ऐठानी का कहना है कि, “गणित हमारा एक अभिन्न मित्र है, यह हमारे रोजमर्रा के जीवन में हर पल और प्रकृति में किसी न किसी पहलू में विद्यमान है। प्रकृति की हर घटना, हर चीज कहीं ना कहीं इसके पैटर्न पर चल रही है। कोई भी तथ्य इससे अछूता नहीं है, यह एक मात्र ऐसा विषय है जो मनुष्य को तार्किक क्षमता प्रदान करता है। सामान्य रूप से भले ही अधिकतर विद्यार्थी गणित से भय रखते हैं और जटिल मानते हैं, लेकिन  मनोवैज्ञानिक पहलू के कारण वह इससे डरते हैं।

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