Manish Sisodia की छुट्टी, अवध ओझा को मौका क्यों?
Manish Sisodia: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने एक बड़ा दांव खेला है। आम आदमी पार्टी ने आज 20 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में सिसोदिया (Manish Sisodia) को पटपड़गंज की जगह जंगपुरा सीट से टिकट दिया है। मनीष सिसोदिया की सीट पर मोटिवेशनल स्पीकर और ऑनलाइन कोचिंग टीचर अवध ओझा को प्रत्याशी बनाया गया है। आम आदमी पार्टी के इस फैसले के बाद सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है। एक तरफ यह बात बोली जा रही है कि अरविंद केजरीवाल को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर आगामी चुनाव को लेकर भरोसा नहीं है। दूसरी ओर ऐसा कहा जा रहा है कि 2020 में मनीष सिसोदिया खींचतान करके अपनी सीट से जीते थे। इस बार मनीष सिसोदिया को आसान सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। अब आगे पढ़ते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है?
पटपड़गंज से तीन बार विधायक बन चुके हैं मनीष सिसोदिया(Manish Sisodia)
मनीष सिसोदिया को अरविंद केजरीवाल के बाद आम आदमी पार्टी में सबसे कद्दावर नेता माना जाता है। मनीष सिसोदिया ने पटपड़गंज में साल 2013, 2015 और 2020 में जीत हासिल की थी। लेकिन साल 2020 में मनीष सिसोदिया के लिए तीसरी बार अपनी सीट से जीतना बेहद मुश्किल हो गया था। हालांकि, यह सवाल उठ रहा है कि मनीष सिसोदिया ने अपनी कर्मभूमी पटपड़गंज से क्यों मुंह मोड़ लिया है।
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आम आदमी पार्टी ने खेला बड़ा दांव
मनीष सिसोदिया को पटपड़गंज की जगह जंगपुरा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। इसको लेकर बहुत सी बातें राजनीतिक गलियारों में बनाई जा रही है। लेकिन यह बात ही सच साबित होती हुई नजर आ रही है कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मनीष सिसोदिया के लिए जंगपुरा सीट जीतनी काफी आसान साबित होगी। पटपड़गंज में मुश्किलों का सामना करना ना पड़े इस वजह से मनी सिसोदिया ने इस बार अपनी सीट बदल ली है।
अवध ओझा को क्यों दी गई मनीष सिसोदिया की सीट?
कुछ दिनों पूर्व मोटिवेशनल स्पीकर और ऑनलाइन कोचिंग टीचर अवध ओझा ने आम आदमी पार्टी ज्वाइन की है। अवध ओझा को मनीष सिसोदिया की सीट पटपड़गंज से प्रत्याशी बनाया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि पटपड़गंज में ब्राह्मण और गुर्जर वोटर ज्यादा है। अवध ओझा ब्राह्मणों के वोट अपनी तरफ करने में आसानी से सफल रहेंगे। वहीं दूसरी ओर गुर्जर वोट भी साधने में अवध ओझा कामयाब रहेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि अवध ओझा को बार-बार यह कहते हुए सुना गया है कि गुर्जरों से उनकी अच्छी दोस्ती है।