नैनीताल

Nainital News: ‘पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया’ केवल जुमला, पढ़े हकीकत

Nainital News: एक तरफ राज्य की सरकार राज्य में विकास होने का दावा कर रही है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। राज्य के आपदा ग्रस्त राजस्व गांव चुकुम की तस्वीर जमीनी हकीकत का बहुत बड़ा उदाहरण है। नैनीताल जिले के रामनगर तहसील के जंगलों और कोसी नदी के पार बसा गांव का सम्पर्क हर साल बरसात में अन्य क्षेत्रों से कट जाता है।

उफनती नदी पार कर स्कूल जाते बच्चे (ramnagar news)

‘पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया’ का नारा भाजपा सरकार ने दिया। लेकिन, गांव की हकीकत देखकर ऐसा लग रहा है कि यह नारा केवल एक जुमला है। क्योंकि चुकुम गांव के बच्चे बरसात में अपनी जान जोखिम में डालकर उफनती नदी पार कर स्कूल जाते हैं। तीन दशक से ग्रामीणों की पुल की मांग पूरी नहीं हो पा रही है। जिस वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

Nainital News

यह भी पढ़ें: Haldwani News: जंगल में पेड़ से लटका हुआ मिला युवक का शव! मची सनसनी

विस्थापन की जगह मिल रहा आश्वासन

रामनगर से चुकुम गांव की दूरी लगभग 24 किलोमीटर (Nainital News) है और गांव में करीब 120 परिवार रहते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वह साल 1993 से विस्थापन की मांग तक कर रहे हैं। लेकिन, फिर भी उन्हें आश्वासन की जगह कुछ और नहीं मिल रहा है।

बैग को सिर पर उठाकर जाते हैं बच्चे (uttrakhand village)

चुकुम गांव के बच्चों को पढ़ाई के लिए रोजाना कोसी नदी को पार करके करीब 3 किलोमीटर दूर मोहान स्थित राजकीय इंटर कॉलेज जाना पड़ता है। यह काम बिल्कुल भी आसान नहीं है क्योंकि मानसून में नदी उफान पर रहती है। ऐसे में बच्चे ड्रेस और किताबें बैग में रखकर और बैग को सिर पर उठाते हैं और एक दूसरे का हाथ पकड़ कर नदी पार करते हैं। गांव को जोड़ने के लिए पुल न होने की वजह से ऐसे हालात बने हुए हैं।

यह भी पढ़ें: Rishikesh Latest News: बड़ी खुशखबरी! देहरादून एयरपोर्ट से जुड़े नए शहर

बच्चों ने सुनाई आपबीती (Nainital News)

बच्चों का कहना है कि हम रोज नदी पार करते हैं और गिरते भी हैं। हमारे कपड़े भीग जाते हैं और हमें चोट भी लगती है। लेकिन हम क्या की कर सकते हैं क्योंकि पढ़ाई तो हमें करनी ही है। किसी दिन बहाव तेज हो जाए तो जान का खतरा तक बन जाता है। बच्चों ने बताया कि वह अपने बैग में एक जोड़ी कपड़े और जूते अलग रखते हैं। नदी पार कर (Nainital News) पेड़ों की आड़ में छात्र और छात्राएं कपड़े बदलते हैं और फिर स्कूल जाते हैं। गांव में कक्षा एक से लेकर दसवीं तक का विद्यालय है जिस वजह से उन्हें पढ़ाई के लिए मोहान आना पड़ता है। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी ग्रामीणों को 25 किलोमीटर दूर रामनगर जाना पड़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *