नैनीताल

Nainital News: जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव फैसले में आया नया मोड़!

Nainital News: नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में फिल्म की तरह आखिर में बड़ा मोड़ आ गया है। पत्र में एक अधिकारी की ओर से टैंपरिंग अथवा ओवर राइटिंग का आरोप लगाया गया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र जी की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई की है। जिसमें उन्होंने याचिकाकर्ता, राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ताओं और अध्यक्ष पद के दोनों प्रत्याशियों से वीडियो व सीसीटीवी देखने को कहा है।

आज देखी जाएगी सीसीटीवी (Nainital News)

आज गुरुवार को सीसीटीवी फुटेज देखी जाएगी। जिलाधिकारी कार्यालय नैनीताल में सभी वीडियो भी देखेंगे। कोषागार के लॉकर में सुरक्षित रखी गई सीसीटीवी फुटेज और वीडियोग्राफी को दिखाने की व्यवस्था जिलाधिकारी नैनीताल की तरफ से की जाएगी।

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क्या है पूरा मामला?

दरअसल, बुधवार को जिला पंचायत सदस्य पूनम बिष्ट की याचिका में सुनवाई करते हुए खंडपीठ में यह बात स्पष्ट की है की वीडियोग्राफी और सीसीटीवी फुटेज देखने दोनों पक्षों के याचिकाकर्ता की ओर से तीन, सरकार की ओर से तीन अधिवक्ता, निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता और अध्यक्ष पद की दोनों प्रत्याशी दीपा दरम्वाल और पुष्पा नेगी सहित नौ लोग शामिल होंगे। इस दौरान सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपी सिटी नैनीताल डॉक्टर जगदीश चंद्र के जिम्मे में होगी। इस मामले में सुनवाई आज की जाएगी।

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चर्चा में रहा जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव (Nainital News)

Nainital Kidnapping News: इस पंचायत चुनाव में चर्चा में रहा जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चुनाव और सदस्यों के अपहरण का मामला। जिसको लेकर सोमवार को लापता हुए पांच सदस्य भी कोर्ट में पेश हुए थे। कोर्ट ने उनकी बात सुनने से साफ इनकार कर दिया है। मामले को लेकर मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि हम उनकी कहानी नहीं सुनना चाहते हैं। वह अपनी बात का पहले ही खंडन कर चुके हैं।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा की पांच सदस्य अपना बयान मजिस्ट्रेट के वहां दर्ज कर चुके हैं। इस सूचना पर उच्च न्यायालय ने कहा है कि जब वह लापता ही नहीं हुए थे तो बयान किस आधार (nainital news) पर दर्ज किया। उन्होंने यह भी पूछा कि जब अपहरण हुआ ही नहीं तो पुलिस ने उन्हें अपनी कस्टडी में क्यों रखा। इसके अलावा हाईकोर्ट में सुनवाई के चलते सोमवार को नैनीताल फिर से पुलिस छावनी में बदल गया था। सुरक्षा का ध्यान रखते हुए हाईकोर्ट के 500 मीटर के दायरे में धारा 163 लगाने से पुलिस ने सख्ती बढ़ा दी थी।

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