Ankita Bhandari: दोषियों को हुई उम्रकैद, कुछ वर्षों में दोषी आ जाएंगे बाहर?
Ankita Bhandari: उत्तराखंड समेत पूरे देश को आक्रोशित करने वाले 3 साल पुराने अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज कोटद्वार की अदालत में फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने हत्याकांड के तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित आर्य को उम्र कैद की सजा सुनाई है। टीम पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। पुलकित आर्य भाजपा के पूर्व नेता विनोद आर्य का बेटा है, इसके रिसोर्ट में 2022 में अंकित भंडारी (Ankita Bhandari News) की हत्या की गई थी। 19 साल की अंकिता भंडारी ऋषिकेश के पास बने रिसोर्ट में रिसेप्शन थी। जिसे पुलकित और उसके साथ में चीला नहर में हत्या कर के फेक दिया था।
क्या होती है उम्रकैद की सजा?
अक्सर लोगों को यह बात पता रहती है कि दोषी को अगर उम्रकैद की सजा मिलती है तो कम से कम 14 साल या ज्यादा से ज्यादा 20 साल में दोषी को रिहा कर दिया जाएगा और वो बाहर निकल आएगा। लेकिन, यह पूरा सच नहीं है। इसके पीछे की वजह और सच्चाई कुछ और है। संविधान में यह कहीं नहीं लिखा कि उम्रकैद की सजा 14 या 18-20 साल की होती है। किसी भी केस में जिन धाराओं में आरोप साबित होते हैं, कोर्ट उसी अनुसारसजा निर्धारित करती है। यानी कोर्ट तय करती है कि अपराधी को उम्रकैद या मृत्युदंड या फिर कोई और सजा मिले।
Ankita Bhandari Case: तीनों आरोपी दोषी करार, उम्रकैद की सजा का ऐलान
तीनों आरोपी हुए दोषी करार (Ankita Bhandari)
उत्तराखंड के कोटद्वार स्थित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश न्यायालय में अंकित की हत्या के मामले में तीनों आरोपियों पुलकित आर्य (pulkit arya), सौरभ भास्कर (saurabh bhaskar) और अंकित गुप्ता (ankit gupta) को दोषी पाया गया है। तीनों आरोपी के खिलाफ कुछ ही देर में सजा का ऐलान होगा। इस मामले की जांच के दौरान स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने 500 पेज की चार सीट दाखिल की थी। इनमें 97 गवाहों को नामित किया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इसमें से 47 गवाहों को अदालत में पेश किया गया था।
18 सितंबर 2022 को किया था अपराध
श्रीनगर गढ़वाल (Ankita Bhandari Accused) की रहने वाली युक्ति अंकिता भंडारी जिकेश के पास वन अंतर रिसोर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी। 18 सितंबर 2022 को उसकी हत्या कर शव को चीला नहर में फेंक दिया गया था। एसआईटी की ओर से कोर्ट में दाखिल 500 पन्नों की चार्जशीट में कहा गया था कि पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर हत्या की थी। इस मामले की सुनवाई 2 साल और 8 महीने तक चली और इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विवेचना अधिकारी के साथ ही 47 गवाह पेश किए गए। अंकिता भंडारी का पुलकित से विवाद हो गया था जिसके बाद पुलकित ने सौरव भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता को ऋषिकेश की चला नहर में धक्का दे दिया था।