ऋषिकेश

Chardham Yatra: घोड़े-खच्चरों में फैली बीमारी, देनी होगी इच्छा मृत्यु ?

Chardham Yatra: उत्तराखंड चारधाम यात्रा जल्द ही शुरू होने वाली है। चारधाम यात्रा मार्गों पर यात्रियों की सुविधा के लिए संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों में एक गंभीर बीमारी का खतरा मंडरा रहा है। बीमारी इतनी खतरनाक है कि संक्रमित पशु के संपर्क में आने वाले दूसरे पशु को भी संक्रमित कर रही है। इतना ही नहीं इससे संक्रमित पशु के संपर्क में आने से इंसानों के भी बीमार होने की पूरी आशंका है। यह घोड़े-खच्चरों में होने वाला ग्लैंडर्स (Chardham Yatra) संक्रमण है। 

जानवर होगा आइसोलेट या फिर देनी होगी इच्छा मृत्यु

यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि इससे ग्रसित (Chardham Yatra 2025) होने वाले घोड़े-खच्चरों को आइसोलेट करना पड़ेगा या फिर इच्छा मृत्यु देने की मजबूरी बन जाएगी। पशुपालन विभाग घोड़े-खच्चरों के स्वास्थ्य परीक्षण में जुड़ गया है। इसके पीछे का कारण घोड़े-खच्चरों में ग्लैंडर्स और इक्वाइन इन्फ्लूएंजा या हॉर्स फ्लू संक्रमण का खतरा है। पशुपालन विभाग की रोग अनुसंधान प्रयोगशाला श्रीनगर की ओर से यात्रा में आने वाले घोड़े-खच्चरों के ब्लड सीरम की जांच की जा रही है। 

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यात्रा में इस्तेमाल होते हैं हजारों घोड़े-खच्चर (uttarakhand news)

चारधाम यात्रा में हजारों घोड़े-खच्चरों का इस्तेमाल होता है। प्रयोगशाला में ग्लैंडर्स और इक्वाइन इन्फ्लूएंजा या हॉर्स फ्लू संक्रमण की जांच हो रही है। बीते दिन 11 अप्रैल तक 5,662 सैंपल जांच के लिए आ चुके हैं। पशुपालन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हर साल यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम में करीब 8000, यमुनोत्री में करीब 3000 और हेमकुंड साहिब में करीब 1000 घोड़े खच्चर आते हैं।

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कुछ साल पहले भी हुआ था ऐसा संक्रमण

पशुपालन विभाग के अनुसार कुछ साल पहले से ही घोड़े-खच्चरों (disease in horses in chardham) में ग्लैंडर्स और इक्वाइन इन्फ्लूएंजा या हॉर्स फ्लू संक्रमण की समस्या सामने आई है। ऐसे में संक्रमित घोड़े-खच्चरों को आइसोलेट करना या फिर इच्छा मृत्यु देना मजबूरी हो जाता है ताकि अन्य पशुओं में संक्रमण न फैले। किसी भी तरह की हानि ना हो इसके लिए पशुपालन विभाग तमाम स्थानों पर घोड़े-खच्चरों के खून का सैंपल ले रहा है और जांच के लिए पौड़ी जिले के श्रीनगर स्थित रोग अनुसंधान प्रयोगशाला में भेज रहा है।  

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