Dehradun News: कोविड जांच फर्जीवाड़ा में हुआ बड़ा खुलासा
Dehradun News: हरिद्वार महाकुंभ में हुए कोविड जांच घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने पुलिस से तीन गुना मुलजिम बनाए हैं। इन सभी के खिलाफ मनी लांड्रिंग के आरोप में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की है। जबकि, पुलिस द्वारा जो मुकदमा दर्ज किया गया था उसमें स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (Dehradun latest news) ने केवल पांच आरोपियों के खिलाफ ही आरोप पत्र दाखिल किए हैं।
पुलिस की चार्जशीट की होगी समीक्षा
आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने पुलिस की चार्जशीट (uttarakhand covid scam) की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। साल 2021 में कोविड महामारी के दौरान हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन हुआ था। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बड़े स्तर पर रैपिड एंटीजन और आरटी पीसीआर टेस्ट कराए गए। देशभर में कोविड जांच फर्जीवाड़े सामने आए। इसी दौरान 20 जुलाई 2021 में हरिद्वार का मामला भी सामने आया।
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क्या है पूरा मामला? (Dehradun News)
जुलाई 2021 में हरिद्वार का कोविड फर्जीवाड़ा मामला सामने आया। पता चला कि जिनके आधार कार्ड पर निजी प्रयोगशालाओं ने करोड़ों का भुगतान सरकार से लिया है वह कभी वहां आए ही नहीं। ऐसे लाखों की संख्या में लोग सामने आए। पंजाब के रहने वाले एक व्यक्ति ने शिकायत की थी। उनके मोबाइल नंबर पर टेस्ट का मैसेज आया था। जबकि उन्होंने ऐसा कोई टेस्ट हरिद्वार में नहीं कराया था। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। इसकी जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया। मामले में जांच शुरू की और कुछ समय बाद पांच आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी।
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मनी लॉन्ड्रिंग का भी बना मामला
मामला मनी लॉन्ड्रिंग (ED) का था तो प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस शिकायत के आधार पर अपनी जांच शुरू की। पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने 15 आरोपियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग के विभिन्न धाराओं में चार्जशीटदाखिल की है। इस बीच गढ़वाल आईजी राजीव स्वरूप ने बताया कि पुलिस ने इतने कम मुलजिम क्यों बनाए हैं। इसकी भी समीक्षा की जाएगी। इसके तहत तत्कालीन विवेचना अधिकारियों को बुलाया जाएगा। बाद में न्यायालय से अनुमति लेकर दोबारा चार्जशीट दाखिल की जा सकती है।