Dehradun Rainfall: 17 पेड़ों पर चलेगी वन विभाग की कुल्हाड़ी! जानिए वजह
Dehradun Rainfall: उत्तराखंड में बारिश का दौर लगातार जारी है। जिसके कारण पेड़ गिरने की घटनाएं भी बढ़ रही है। देहरादून में बारिश के साथ आंधी तूफान चलने से पिछले पांच दिनों में पेड़ों के गिरने की तीन घटनाएं सामने आ चुकी है। जिसमें एक महिला और दो पुरुषों की मौत हो गई है। इसके अलावा अभी भी कहीं-कहीं ऐसी घटनाएं हो रही है। घटना को गंभीरता से लेते हुए वन विभाग और निगम ने गिरासू पेड़ों का सर्वे किया है।
वन विभाग काटेगा 17 पेड़ (Dehradun Rainfall)
चकराता (chakrata) के टाइगर फॉल में 26 मई को दुखद हादसा हुआ था। पेड़ गिरने से दो पर्यटकों की मौत हो गई थी। उसके बाद से ही झरने पर नहाने के लिए प्रतिबंध लगाया हुआ है। इस मामले को पर्यटन, वन एवं राजस्व विभागों से कार्रवाई की मांग की गई थी। इसके बाद टीम में निरीक्षण कर 17 पेड़ों को खतरे की श्रेणी में रखा है। वन विभाग को इन पेड़ों को हटाने के निर्देश दे दिए गए हैं।
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बढ़ रही पेड़ गिरने की घटनाएं
देहरादून में ज्यादातर व्यस्त रहने वाली सड़कों और रिहायशी इलाकों में खड़े सूखे और गिरासू पेड़ (dehradun tree fall on people) लगातार जानलेवा बने हुए हैं। वर्तमान में शहर में कई ऐसे पेड़ मौजूद है जो बिजली के खंबों और तारों पर झुके हुए हैं। जिस वजह से आसपास से गुजरते लोगों और स्थानीय लोगों में हर समय का भय बना रहता है। पिछले एक हफ्ते से देहरादून में झमाझम आंधी तूफान और बारिश हो रही है। जिसके कारण गिरासू और पुराने पेड़ गिर रहे हैं। इन पेड़ों के गिरने से पिछले 5 दिनों में तीन लोगों ने अपनी जान गवा है।
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नगर निगम ने किया दावा (Dehradun Nagar Nigam)
नगर निगम ने दावा किया है की टीम बनाकर ऐसे गिरासू पेड़ों (nagar nigam survey) का सर्वे किया जा रहा है। उनको काटा जा रहा है। नगर आयुक्त नमामि बंसल ने जानकारी दी कि जिस तरह से वर्षा चल रही है इसको ध्यान में रखते हुए नगर क्षेत्र की सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर गिरासू पेड़ खतरे का कारण बन रहे हैं। ऐसे पेड़ों को हटाने की आवश्यकता है। इस कार्य के लिए वन विभाग के साथ सामंजस्य बनाते हुए संयुक्त टीम ने अभियान चलाया है।