Haridwar: लिव इन रिलेशनशिप रजिस्ट्रेशन के कारण सुर्खियों में धर्मनगरी
Haridwar: धर्मनगरी के नाम से प्रसिद्ध हरिद्वार जिला इन दोनों लिव इन रिलेशनशिप रजिस्ट्रेशन के कारण सुर्खियों में है। आपको ऐसा पढ़कर आश्चर्य हो रहा होगा लेकिन यह सच है। गंगा मैया के अलावा हरिद्वार का नाम लिव इन रिलेशनशिप की वजह से भी चर्चा में आ रहा है। क्योंकि हरिद्वार में लिव इन रिलेशनशिप (live in relationship) में रहने के लिए 9 जोड़ों ने आवेदन किए हैं। इस बात पर तीर्थ पुरोहित और संत समाज में चिंता देखने को मिल रही है।
हरिद्वार का लिव इन रिलेशनशिप आंकड़ा
यूसीसी पोर्टल (Haridwar) से मिले आंकड़ों के मुताबिक अकेले हरिद्वार जिले में अभी तक 5,176 लोगों ने शादी के रजिस्ट्रेशन करवाए है। 9 लोगों ने लिव इन रिलेशनशिप के लिए आवेदन किया है। तलाक का एक रजिस्ट्रेशन हरिद्वार में हुआ है। अपने उत्तराधिकारी बनाने के लिए 75 आवेदन पोर्टल पर अपलोड किए गए हैं।
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तीर्थ पुरोहितों ने जाहिर की चिंता (Haridwar News)
हरिद्वार (haridwar live in relationship) के लिव इन रिलेशनशिप के बढ़ते हुए चलन पर तीर्थ पुरोहितों ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार की पहचान गंगा से है लेकिन जब इस तरह की जानकारियां सामने आती है तो समाज में गलत संदेश जाता है। आखिर वह कौन लोग है जो धर्मनगरी हरिद्वार को बदनाम कर रहे हैं? हरिद्वार सिर्फ हर की पौड़ी तक सीमित नहीं है बल्कि हरिद्वार जिले की सीमा उत्तरप्रदेश से भी लगती है। हरिद्वार में इन इन मामलों के बढ़ने से न केवल बच्चों के परिजनों को चिंता होगी बल्कि हरिद्वार की पहचान भी बदल जाएगी।
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उत्तराखंड में हुए इतने रजिस्ट्रेशन
उत्तराखंड (ucc uttarakhand) में 27 जनवरी 2025 को सामान नई संहिता लागू करने के बाद अब तक पोर्टल पर 94 हजार आवेदन हुए हैं।