हरिद्वार

Haridwar Land Scam: जमीन घोटाले में परदे के पीछे कौन है- त्रिवेंद्र सिंह रावत

Haridwar Land Scam: हरिद्वार में जमीन घोटाला का मामला इन दिनों चर्चा में है। इस मामले में जमकर राजनीति भी देखने को मिल रही है। आरोप है कि जिस जमीन को कोई लाख रुपए में भी नहीं खरीदता उस जमीन को हरिद्वार नगर निगम के अधिकारियों ने 54 करोड़ रुपए में खरीदा है। मामले की जांच पूरी हो गई है जिसकी रिपोर्ट भी शासन को भेजी जा चुकी है। जांच रिपोर्ट सार्वजनिक होने से पहले हरिद्वार सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (trivendra singh rawat) के एक बयान ने प्रदेश की राजनीति को गर्मा दिया है। 

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया बड़ा बयान (Haridwar Land Scam)

घोटाले को लेकर हरिद्वार सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सवाल किया है। उन्होंने कहा है कि अधिकारियों पर तो कार्रवाई हो लेकिन परदे के पीछे कौन लोग है यह बात भी सामने आनी चाहिए। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह बेहद गंभीर बात है कि इतने बड़े अधिकारी कैसे इतनी बड़ी लापरवाही कर सकते हैं। 

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मामले में जांच हुई पूरी

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि- “इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है और अब तक क्या कार्रवाई (Haridwar Land Scam) हुई है यह स्पष्ट नहीं है। लिहाजा सरकार को इस पर कड़ा एक्शन लेना चाहिए जिससे भविष्य में कोई अधिकारी ऐसी हरकत करने से पहले 10 बार सोचे। यदि अधिकारी ने किसी की मदद पर यह काम किया है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। 

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क्या है हरिद्वार जमीन घोटाला?

हरिद्वार (haridwar news) में आचार संहिता के दौरान नगर निगम ने साल 2024 में 33 बीघा जमीन खरीदी थी। इस जमीन की कीमत और जिले के कुछ अधिकारियों ने कृषि भूमि को 143 में दर्ज करवाकर 54 करोड़ रुपए में खरीद लिया था। मामला सामने आने के बाद घोटाले की आशंका जताई गई। इसके बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी अवगत कराया गया। इसके बाद इस पूरे मामले पर जांच बैठा दी गई।

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