हरिद्वार

Haridwar Sawan Mela: सावन में यही ठहरते हैं भोलेनाथ- हरिद्वार का रहस्य

Haridwar Sawan Mela: सावन का महीना भगवान शिव की पूजा करने के लिए बेहद पवित्र माना जाता है। इस माह में पूजा पाठ, पूजा अर्चना और भक्ति करने पर कहीं गुना फल प्राप्त होने की धार्मिक मान्यता मानी जाती है। सावन का महीना भोलेनाथ का सबसे प्रिय होता है। हरिद्वार से भोलेनाथ का प्राचीन और पौराणिक संबंध है। हरिद्वार का प्राचीन नाम हरिद्वार यानी भोलेनाथ का द्वार है।

हरिद्वार से भगवान शिव का नाता (haridwar sawan mela)

वेद पुराण के अनुसार हरिद्वार (haridwar kawar mela 2025) में भोलेनाथ का ससुराल है। भगवान भोलेनाथ अपने ससुराल में पूरा सावन वास करके भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। सावन के महीने में हरिद्वार की उपनगरी कनखल में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। जहां शिवलिंग पर एक लोटा जल चढ़ाने मात्र से ही भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं।

यह भी पढ़ें: Sawan Puja Vidhi: सावन के पहले दिन ऐसे करें भोलेनाथ की पूजा

पूरे सावन यहां वास करते हैं भोलेनाथ

हरिद्वार के उप नगरी कनखल (sawan 2025) में भोलेनाथ की ससुराल है। दक्षेश्वर महादेव मंदिर में पूरा सावन का महीना भोलेनाथ वास करते हैं। धार्मिक मान्यताओं और वेद-पुराण के अनुसार दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भोलेनाथ की पूजा अर्चना और आराधना करने और गंगाजल से अभिषेक करने पर सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं और भोलेनाथ बिना मांगे ही सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं।

माता सती से जुड़ा कनखल (haridwar shiv mandir)

भोलेनाथ की पत्नी माता सती हवन कुंड में कनखल स्थित दक्षेश्वर में सती हो गई थी। तब भोलेनाथ ने क्रोध में आकर अपनी जटाओं से वीरभद्र को उत्पन्न किया था। वीरभद्र ने राजा दक्ष का यज्ञ विध्वंश कर सिर काट दिया था। सभी देवी-देवताओं के आग्रह करने के बाद भोलेनाथ ने राजा दक्ष को बकरे का सिर लगाया था और कहा था कि “मैं पूरा सावन का महीना कनखल में ही बताऊंगा और दक्षेश्वर के नाम से पूजा जाऊंगा।”

यह भी पढ़ें: Sawan 2025 Upay: पसंद की शादी का रास्ता खोलेंगे सावन के ये उपाय

दक्षेश्वर महादेव मंदिर (Haridwar) का महत्व

प्राचीन काल से ही दक्षेश्वर महादेव मंदिर (daksh mandir haridwar) का अधिक महत्व रहा है। सावन के महीने में देश के अलग-अलग हिस्सों से शिव भक्त यहां भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना करने और आशीर्वाद मांगने आते हैं। जो भी भक्त सावन के महीने में यहां श्रद्धा भक्ति भाव से पूजा पाठ करते हैं उन्हें जीवन भर किसी भी समस्या का सामना अकेले नहीं करना पड़ता हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *