Haridwar Tunnel Project: मनसा देवी पर्वत के नीचे बनेगी सुरंग, पढ़ें खबर
Haridwar Tunnel Project: उत्तराखंड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट हो या चारधाम सड़क परियोजना। इन सब का मूल कारण है सफर को आसान और सुगम बनाना। इस वजह से सुरंगे बनाई जा रही है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन में ट्रेन ज्यादातर सुरंग से होकर गुजरेगी। उम्मीद जताई जा रही है कि साल 2028 तक इस परियोजना को पूरा कर लिया जाएगा। उत्तराखंड में अब एक और टनल बनाने का प्रस्ताव केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भेज दिया गया है। यह टनल पहाड़ में नहीं बल्कि तराई क्षेत्र में बनाई जाएगी।
मनसा देवी पर्वत के नीचे बनेगी सुरंग
हरिद्वार में मनसा देवी (mansa devi tunnel project) पर्वत के नीचे से सड़क के दबाव को कम करने के लिए एक सुरंग बनाने का प्रस्ताव सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भेजा है। इस सुरंग के माध्यम से शहर की भीड़ को रायवाला, मोतीचूर तक भेजा जा सकेगा। इस दिशा में त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार केंद्रीय मंत्री के संपर्क में हैं।
तराई क्षेत्र की पहली बड़ी सुरंग
हरिद्वार में पर्यटकों की भीड़ का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। हरिद्वार (Haridwar News) में मेलें, चारधाम यात्रा और खास पर्व पर लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरंग बनाने की योजना बनाई गई है। भीड़ की वजह से रोजाना नेशनल हाईवे के साथ शहर की सड़कों पर भी लंबा जाम लगता है।
10 किलोमीटर लंबी सड़क सुरंग बनेगी (Haridwar Tunnel Project News)
जाम से जनता को निजात दिलाने और शहर में गाड़ियों का दबाव कम करने के लिए सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से बातचीत की है। यह बातचीत हरिद्वार में करीब 10 किलोमीटर लंबी सड़क सुरंग बनाने को लेकर हुई है। इस सुरंग के बनने से शहर के लोगों को फायदा होगा और देहरादून जाने वाले लोगों को भी भीड़ से अलग निकाल दिया जाएगा।
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टनल को लेकर अध्ययन होना बाकी
सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत (Haridwar News) का कहना है कि अभी इस दिशा में बहुत से काम होने बाकी है। अभी यह बात शुरुआती दौर की है। केंद्र सरकार से इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलने के बाद सभी पहलुओं पर काम किया जाएगा। भू-सर्वे से लेकर डीपीआर तैयार किया जाएगा। इसके अलावा टनल को किस दिशा से निकाला जा सकता है इसका भी अध्ययन किया जाएगा।
क्या होगा टनल का रूट? (Haridwar Tunnel Project)
हरिद्वार में टनल बनाने की बात सांसद रवींद्र सिंह रावत कर रहे हैं। इसका रूट तिबड़ा फाटक या बीएचएल से होते हुए मनसा देवी के नीचे से मोतीचूर तक पहुंचाने का है। अभी इस पूरे क्षेत्र में भूस्खलन की घटनाएं भी काफी होती हैं। इस पहाड़ के नीचे से गुजरने वाली रेल लाइन की सुरंग भूस्खलन की वजह से कई बार प्रभावित होती है। इस सुरंग को बनाने का विचार इसलिए आ रहा है क्योंकि हरिद्वार से मोतीचूर तक जाने वाली हिल बाईपास रोड पूरी तरह से बेकार हो गई है। किसी तरह की गाड़ियों का मूवमेंट सालों से इस पर नहीं हो रहा है। राज्य सरकार पहले भी इस सड़क के सुधार के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर चुके हैं लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।
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अहम होगी वैज्ञानिकों की राई
इस पूरे प्रोजेक्ट को लेकर वैज्ञानिकों की क्या राय है? यह एक अहम मुद्दा है लेकिन इतना जरूर है कि अगर यह प्रोजेक्ट पास हो गया तो शहर में आने वाले पर्यटक और स्थानीय लोगों को इसका फायदा जरूर होगा। सीधे तौर पर जाम और ट्रैफिक की समस्या से लोगों को निजात मिलेगा।
क्या हरिद्वार के पर्वत सही में है मजबूत?
मीडिया प्रतिष्ठान द्वारा वैज्ञानिक से खास बातचीत प्रकाशित की गई है। जिसमें वैज्ञानिक द्वारा यह कहा गया है कि उत्तराखंड के वैसे सभी पहाड़ कमजोर हैं। सभी नए हैं। ऐसे में सुरंग बनाने का विचार और सुरंग बनाना कितना सफल होगा? यह दूर की बात है। हालांकि, वैज्ञानिकों के पास आज के समय में जो तकनीक है इसका जीता जागता उदाहरण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग सुरंग निर्माण में देख चुके हैं।
पर्वत के नीचे बसा आधा हरिद्वार (Haridwar Tunnel Project)
हरिद्वार में जिस पर्वत की बात की जा रही है उस पर्वत पर मां मनसा देवी का मंदिर और कुछ रिहायशी इलाका है। इससे पहले भी इस मार्ग पर हिल बाईपास पर आईआईटी रुड़की भी काम कर चुका है। उनका अध्ययन भी यही कहता है कि फिलहाल हिल बाईपास चलने लायक मार्ग नहीं है। उसे वक्त आईआईटी रुड़की ने ट्रीटमेंट की बात कही थी लेकिन उस दिशा में कोई काम नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि इस पर्वत के नीचे आधे से ज्यादा हरिद्वार बसा हुआ है जिसमें हर की पौड़ी, भीमगोडा, बड़ा बाजार जैसे क्षेत्र शामिल है।