Income Tax: सावधान! इन गलतियों से हो सकते है आयकर विभाग का शिकार
Income Tax: टैक्स बचाने की कोशिश करते समय कुछ लोग गलतियां कर देते हैं। इस वजह से उसके परिणाम भी भयानक साबित होते हैं। लेकिन, आप यदि नियम के तहत सौदा करते हैं तो आप परेशानी में नहीं आएंगे। आयकर विभाग (Income Tax Department) बड़े लेनदेन पर अपनी नजर रखता है। आप जैसे ही कोई नकद लेनदेन करते हैं, तो तुरंत आयकर विभाग की नजरों में आ जाते हैं। यदि आप किसी तरह फस जाते हैं तो कार्रवाई से बचने की संभावना शून्य के समान हो जाती है। इस आर्टिकल में उसे तरह के लेनदेन (income tax saving tips) के बारे में बताया जाएगा। जिसे आप एक साल के भीतर भूल कर भी ना करें।
10 लाख रुपए से ज्यादा की एफडी
अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट में एक साल में 10 लख रुपए से ज्यादा जमा करते हैं तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से नोटिस आने की संभावना है। रकम चाहे एक ही समय में जमा की गई हो या कई किस्तों में या फिर डिजिटल तरीके से। कैश ट्रांजैक्शन हो या फिर डिजिटल, आयकर विभाग (Income Tax) आपसे इस पैसे के सोर्स के बारे में पूछ सकता है और आपको नोटिस भेज सकता है।
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बैंक खाते में नकद जमा करना
सीबीडीटी के नियम के अनुसार यदि आप किसी वित्त वर्ष में किसी बैंक या किसी सहकारी बैंक के एक या अधिक खातों में 10 लख रुपए या उससे अधिक जमा करते हैं। ऐसा करने पर बैंक या सरकारी बैंक को आयकर विभाग को सूचित करना होगा। यदि आप इस निर्धारित राशि से अधिक जमा करते हैं, तो आयकर विभाग पैसों के सोर्स पर सवाल उठा सकता है।
संपत्ति का लेनदेन
अगर आप 30 लख रुपए या उससे अधिक मूल्य की संपत्ति खरीदने या बेचते हैं, तो आप आयकर विभाग की नजरों में आ सकते हैं। ऐसी स्थिति में संपत्ति रजिस्ट्रार को आयकर अधिकारियों को यह जानकारी देनी होगी। आयकर विभाग आपसे पूछ सकता है कि इतने बड़े ट्रांजैक्शन के लिए पैसा कहां से आया।
शेयर , म्युचुअल फंड और बॉन्ड की खरीदारी
यदि आप स्टॉक, म्युचुअल फंड, डिबेंचर और बंद में बड़ी मात्रा में नकद लेनदेन करते हैं। तो आप परेशानी में पड़ सकते हैं। यदि आप एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपया उसे अधिक मूल्य के म्युचुअल फंड और बॉन्ड खरीदने हैं तो संस्थाओं को इसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है