Nainital Chukum Village: यहां बरसात में महीनों गांव में कैद रहते लोग
Nainital Chukum Village: नैनीताल जिले के रामनगर तहसील से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आपदा प्रभावित चुकुम गांव के लिए फिर से खुशखबरी है। कई वर्षों से विस्थापन की मांग कर रहे ग्रामीणों को शनिवार को प्रशासन द्वारा रामनगर तराई पश्चिमी प्रभाव के अंतर्गत आने वाले आमपोखरा रेंज के हाथीडांगर क्षेत्र में नई जमीन दिखाई गई है। यह जमीन ग्रामीणों को काफी पसंद आई है। कुल मिलाकर 40 हेक्टेयर भूमि है। जिसे प्रशासन द्वारा चिन्हित किया गया है।
120 परिवार होंगे विस्थापित (Nainital Chukum Village)
अगर ग्रामीणों को सब सही लगा तो चुकुम गांव के करीब 120 परिवारों को विस्थापित किया जाएगा। साल 1993 से गांव के लोग लगातार विस्थापन की मांग कर रहे हैं। यह गांव रामनगर वन विभाग के अंतर्गत आता है और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील है। इसके अलावा यह गांव आपदा संभावित क्षेत्र में स्थित है। हर साल बरसात के मौसम में गांव अन्य इलाकों से कट जाता है और स्कूल के बच्चों से लेकर अन्य लोग भी कोसी नदी को पार करके इधर से उधर जरूरी काम के लिए आते-जाते हैं।
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गांव में कैद रहते हैं लोग
चुकुम गांव के बच्चे पढ़ाई के लिए कोसी नदी पार करके 3 किलोमीटर दूर मोहान इंटर कॉलेज जाते हैं। इसके अलावा अगर गांव में किसी की तबीयत खराब हो जाए तो उसे 25 किलोमीटर दूर रामनगर जाना पड़ता है। जब बारिश होती है उस दौरान गांव रामनगर और मोहान से पूरी तरह कट जाता है। जिस वजह से ग्रामीण महीनों तक गांव में ही कैद रहते हैं।
कई जगह हुई रिजेक्ट (nainital Chukum village news)
चुकुम गांव के लोगों को विस्थापित करने के लिए कई बार कवायद हो चुकी है। 2016 में सर्वे हुआ था लेकिन उसके बाद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई। इसके बाद जसपुर क्षेत्र की भूमि चिन्हित की गई थी। लेकिन, ग्रामीणों ने वहां जाने से इनकार कर दिया था। ग्रामीणों का कहना था कि हम पहाड़ी जगह पर पैदा हुए हैं और रहे हैं। इसलिए हम अब आगे का जीवन भी पहाड़ी इलाके में ही बिताना चाहेंगे। फिर से आमपोखरा रेंज में भूमि चिन्हित की गई थी। जहां पर पहले से ही पौधारोपण किया गया था। वह भूमि रिजेक्ट हो गई थी।
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ग्रामीणों का फैसला
अब जाकर फिर से नई जगह चिन्हित हुई है जिसको लेकर ग्रामीणों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। गांव के लगभग सभी लोगों ने इस भूमि को अपने रहने योग्य मानकर सहमति जताई है। ग्रामीणों ने कहा कि बहुत समय से हम विस्थापन की मांग कर रहे हैं अब तक हमें कभी जसपुर कभी केलाखेड़ा कभी आमपोखरा घुमा दिया। लेकिन, अब हाथीडांगरी में जो जमीन दिखाई गई उससे हम संतुष्ट हैं और यही बसने के लिए हम तैयार भी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह जगह मिलती है तो हम निश्चित रूप से यही बसेंगे।
शासन को भेजा जाएगा प्रस्ताव (nainital news)
प्रशासन अग्रिम प्रक्रिया में सभी ग्रामीणों से शपथ पत्र लेकर एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार करेगा। जिसमें भूमि के साथ-साथ पानी, सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था प्रस्तावित की जाएगी। इसके बाद यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा और राज्य सरकार से अनुमति मिलने के बाद ही विस्थापन की कार्रवाई शुरू होगी।
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आखिर क्यों विस्थापन जरूरी?
दरअसल, चुकुम गांव वन क्षेत्र में स्थित है और हर साल आपदाओं का शिकार भी बनता है। बच्चों और ग्रामीणों को नदी पार करनी पड़ती है। जो काफी जोखिम भरा काम है। बरसात के मौसम में यह गांव अन्य क्षेत्र से पूरी तरह से अलग हो जाता है। इस गांव में ना तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है और ना ही पक्की सड़के। शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों लोगों से काफी दूर है। जिस वजह से इस गांव में रहना किसी जंग से लड़ने से काम नहीं है। 30 साल से ज्यादा का समय हो गया है और ग्रामीण अपनी सुरक्षा और बेहतर जीवन के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं। लेकिन, अब लग रहा है ग्रामीणों का यह संघर्ष कामयाबी में बदल रहा है।