उत्तराखंड

Pithoragarh News: सिस्टम की असलियत! डोली के सहारे मरीजों की जिंदगी

Pithoragarh News: पहाड़ों में रहना जितना आसान लगता है उतना हकीकत में है नहीं। समय-समय आने वाली तस्वीर सिस्टम की हकीकत को बयां करती रहती है। पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र में आज भी कई गांव मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। हालात इतने दुर्गम है कि इन गांव में बीमार होने पर लोगों को डोली के सहारे अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। ग्रामीणों ने भी अपनी किस्मत समझकर परेशानी को स्वीकार कर लिया है। 

10 किलोमीटर पैदल चलकर ग्रामीण बेस कैंप पहुंचे

कुछ दिनों पहले मुनस्यारी क्षेत्र के गोरीपार क्षेत्र के शेर सिंह कुंवर के शेर सिंह कुंवर बीते दिनों भेड़ बकरियां लेकर पंचाचुली बेस कैंप (Pithoragarh) के आसपास के बुग्यालों में गए थे। वहां अचानक से उनके पेट में दर्द होना शुरू हो गया। उनके साथ एक अन्य पशुपालक ने इसकी सूचना गांव के लोगों को दी। 10 किलोमीटर पैदल चलकर ग्रामीण पंचाचुली बेस कैंप पहुंचे। हालात इतने खराब है कि मरीज को सड़क तक लाने की कोई व्यवस्था नहीं थी जिसके कारण ग्रामीणों ने आसपास से लकड़ियां एकत्रित कर स्ट्रेचर तैयार किया और इसी पर बांधकर उन्हें सड़क तक लाया गया। 

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खतरनाक चट्टानी रास्तों से मरीज को लाना पड़ा (Pithoragarh News)

बीमार मरीज को सड़क तक लाने के लिए ग्रामीणों को खतरनाक चट्टानों के रास्तों से आना पड़ा। फिलहाल बीमार व्यक्ति का मुनस्यारी में इलाज चल रहा है। वहां मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि पंचाचुली बेस कैंप तक पैदल मार्ग बनाए जाने के लिए धनराशि स्वीकृत की गई थी। लेकिन इस धनराशि से धरातल पर किसी प्रकार का काम नहीं हुआ। यहां पहुंचने वाले लोगों को आज भी खतरनाक रास्तों को पार करना पड़ता है। 

पर्यटकों के आने के बावजूद भी खराब मार्ग

उन्होंने आगे बताया कि पंचाचुली बेस कैंप (Pithoragarh News) में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। लेकिन फिर भी मार्ग के हालात बहुत खराब है। तहसील क्षेत्र के अंतर्गत मुनस्यारी बेस कैंप तक मार्ग बनाए जाने की कई बार घोषणाएं भी की गई है। लेकिन काम धरातल पर नहीं उतर पा रहा है। जिस वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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