Premchand Aggarwal का मामला दिल्ली हाईकमान पहुंचा, जल्द लगेगी क्लास
Premchand Aggarwal: विधानसभा के बजट सत्र के दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की पिछली जुबान उनके लिए मुसीबत का कारण बन गई है। प्रेमचंद अग्रवाल की टिप्पणी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रदेश संगठन के बाद सरकार के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (cm pushkar singh dhami) ने गुरुवार को सख्त टिप्पणी की और कहा कि मंत्री हो या विधायक, सांसद हो या आमजन उत्तराखंड की एकता व अस्मिता से खिलवाड़ करने वालों को सरकार माफ नहीं करेगी।

CM Dhami ने दिया बड़ा बयान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा की जो भी उत्तराखंड की एकता व अस्मिता से खिलवाड़ करेगा उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और महामंत्री संगठन अजय कुमार ने भी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल (Premchand Aggarwal) को तलब किया था। भाजपा केंद्रीय नेतृत्व इस घटना की जानकारी भी दे चुका है। लेकिन अब सीधा मुख्यमंत्री ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है जो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है।
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दिल्ली तक पहुंचा प्रेमचंद अग्रवाल का मामला (uttarakhand politics)
केंद्रीय नेतृत्व प्रेमचंद को दिल्ली (bjp delhi) तलब कर सकता है। प्रेमचंद अग्रवाल के बिगड़े बोल की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई है। प्रेमचंद अग्रवाल ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। दरअसल, 21 फरवरी को सदन में संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और कांग्रेस विधायकों के बीच थी की नोकझोंक हुई थी। इस बीच विपक्षी विधायकों के आरोपों का जवाब दे रहे संसदीय कार्य मंत्री की अन्य टिप्पणी को कांग्रेस ने मुद्दा बना दिया।
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विधानसभा सत्र में भी नजर आया यह मामला (uttarakhand news)
इस मुद्दे ने इतनी तूल पकड़ ली कि इसकी झलक विधानसभा सत्र में भी देखी गई। 17 स्थगित होने के बाद भी कांग्रेस के विधायकों से लेकर तमाम बड़े नेता इस मामले को लेकर भाजपा और सरकार (uttarakhand bjp) पर हमलावर है। प्रदेश भाजपा ने इस मामले को गंभीरता से लिया और संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को बुलाया।
मुख्यमंत्री धामी ने अपनाया कड़ा रुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (cm dhami) ने इस मामले को लेकर सख्ती दिखाई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश संगठन ने इस पूरे मामले की जानकारी केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचा दी है। धामी ने कहा कि उत्तराखंड के निर्माण का सपना हमारे आंदोलनकारी ने इसलिए देखा था कि प्रदेश के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास पहुंचे। सभी राज्यवासी एकजुट होकर राज्य को आगे बढ़ाएं। किसी भी तरह के बहकावे में ना आए और राज्य की भावना से मिलकर कार्य करें। आज के बाद सभी प्रकार के भड़काऊ बयानों को गंभीरता से लिया जाएगा।