Shashi Tharoor: थरूर और दिग्विजय सिंह में छिड़ी भगवान कृष्ण पर जंग
Shashi Tharoor: आज देश भर में कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर त्योहार के साथ-साथ राजनीति भी जारी है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भारतीय राजनीति को रचनात्मक बताया है। उन्होंने कहा कि सभी को भगवान श्री कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं से सीख लेनी चाहिए। साथ में यह भी बताया की भारतीय राजनीति और राजनेताओं को कौन-सी सीख लेनी चाहिए।
थरूर के साथ दिग्विजय भी शामिल (Shashi Tharoor)
शशि थरूर के साथ ही दिग्विजय सिंह ने भी थरूर को बधाई दी। उनकी तरफ से भागवत गीता और महाभारत में श्री कृष्ण की शिक्षाओं पर दिए गए विचारों की सराहना भी की। लेकिन साथ में एक तंज भी कसा है। शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में जन्माष्टमी की बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने महाभारत, श्रीमद्भगवत् में वर्णित श्री कृष्ण की शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए कुछ प्रमुख बिंदुओं पर जोर दिया है। शशि थरूर ने भगवान श्री कृष्ण की सात खूबियों का जिक्र करते हुए भारतीय नेताओं को उनसे सीख लेने की सलाह दी है।
शशि थरूर ने क्या कहा?
धर्म की पुनर्स्थापना का लक्ष्य
शशि थरूर ने लिखा कि भगवान ने ऐसे कई काम किए हैं जो आपको अस्पष्ट लग सकते हैं। इसके बाद भी उनका आखिरी लक्ष्य धर्म की पुनर्स्थापना और दोषियों को दंड देना होता है। ऐसा कहकर थरूर ने भारतीय नेताओं से अपील की है कि वह अपने निजी हितों के बजाय देश की जनता के हितों के बारे में काम करें। इसके लिए ऐसे मजबूत निर्णय लें जो समाज के हित में हो।
राजनीतिक और कूटनीतिक सोच
उन्होंने यह भी लिखा कि भगवान कृष्ण एक कुशल रणनीतिकार और कूटनीतिज्ञ थे। उन्होंने शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए महाभारत के युद्ध को रोकने की कोशिश भी की थी। लेकिन, उनकी यह कूटनीति असफल हो गई। इसके बाद उन्होंने शानदार सैन्य रणनीति के साथ पांडवों का मार्गदर्शन भी किया था। उन्होंने सभी को उनकी कमी के हिसाब से सीख दी थी। जिसकी वजह से सब युद्ध जीतने में सफल रहें।
ऐसा कहकर उन्होंने नेताओं से कहा है कि सत्ता में रहते (politics news) हुए भी राजनीतिक सोच के महत्व को हर कोई समझ सकता है। अन्य दलों के साथ-साथ राष्ट्रों के साथ कुशल बातचीत के साथ-साथ देश के विकास के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनानी जरूरी है। जिसमें अपनी टीम और विपक्ष की ताकत और कमजोरी को समझना शामिल है।
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दिशा और समर्थन प्रदान करना (shashi tharoor news)
शशि थरूर ने भगवान कृष्ण के खुद युद्ध न लड़ने की बात का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि वह युद्ध लड़ने की जगह अर्जुन के सारथी बने थे। यही बात एक सही नेता की पहचान है। जो बिना किसी व्यक्तिगत गौरव की चाह के दिशा, ज्ञान और समर्थन प्रदान करता है।
निस्वार्थ कर्म करना
उन्होंने यह भी कहा है की श्रीमद्भगवत् गीता में कर्म को प्रधान बताया गया है। अपने कर्तव्य को बिना फल की चिंता किए करना चाहिए। ध्यान कर्म पर ही होना चाहिए। ऐसा कहकर उन्होंने नेताओं को सत्ता प्रसिद्धि, धन के लालच के बगैर समाज के हितों को ध्यान में रखते हुए काम करने की सलाह दी है।
मानव स्वभाव को समझना
मानव स्वभाव पर बात करते हुए थरूर ने कहा कि भगवान कृष्ण को मानव की अच्छाई, कामना और अज्ञान की गहरी समझ थी। एक अच्छे नेता को भी मानव स्वभाव का ज्ञान होना चाहिए। ऐसा करने पर शानदार टीम बनाने में मदद मिलती है और अपने विरोधियों से भी आसानी से निपटा जा सकता है।
विश्व कल्याण की सोच (Shashi Tharoor Janmashtami Post)
भगवान श्री कृष्ण की भूमिका के बारे में बताते हुए थरूर ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने अपनी हर भूमिका में अपना हर काम सही तरीके से किया है। वह वृंदावन में ग्वाले का काम करने में भी सही रहें, द्वारका में राजा रहें। उन्होंने हमेशा ही समाज के कल्याण के लिए काम किया है। एक राजनेता का पहला काम भी समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम करना होना चाहिए। केवल अपने मतदाताओं या समर्थकों के लिए ही काम ना करें।
अहंकार और अधर्म से दूर रहें
भगवान श्री कृष्ण के जीवन को लेकर थरूररूर ने कहा कि भगवान कृष्ण का जीवन चरित्र उन लोगों के पतन की चेतावनी देता है जो अहंकारी है। दुर्योधन और उसके सहयोगियों जैसे अधर्म का मार्ग चुनते हैं। उनका अहंकार और धर्म के प्रति अनादर अंततः उनके विनाश का ही कारण बना था।
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भगवान बनने की कोशिश ना करें
आखिर में शशि थरूर ने कहा कि इस जन्माष्टमी पर हम अपनी राजनीति में कृष्ण के ज्ञान को आत्मसात करें और अपने तुच्छ और स्वार्थी हितों पर विजय पाने का प्रयास करें। हम सभी भगवान श्री कृष्ण नहीं बन सकते हैं लेकिन हम उनका अनुसरण करना जरूर सीख सकते हैं।
दिग्विजय सिंह ने कसा तंज (digvijay singh vs shashi tharoor)
दिग्विजय सिंह और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर की गई इस पोस्ट पर जवाब देते हुए उनको बधाई दी। उन्होंने थरूर द्वारा श्रीमद्भगवत् गीता और महाभारत में श्री कृष्ण की शिक्षाओं पर दिए गए विचारों की सराहना की और तंज भी कसा है। दिग्विजय सिंह ने लिखा है- आपको स्वतंत्रता दिवस व श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं। जय श्री कृष्णा, मैं आपको इस बात के लिए बधाई देता हूं कि आपने श्री कृष्णा जी ने जो उपदेश महाभारत और भागवत गीता में दिए हैं उन्हें लिखा है। दूसरी लाइन में उन्होंने लिखा कि- क्या नरेंद्र मोदी और अमित शाह श्री कृष्ण की इन शिक्षाओं का पालन करेंगे?