उत्तराखंड

Dehradun Zoo में बंगाल टाइगर की दहाड़ से गूंजा शहर

Dehradun Zoo: देहरादून जू में ढेला रेस्क्यू केंद्र से दो बाघ लाए गए हैं। जैसे ही यह खबर फैली तब से देहरादून जू में पर्यटकों की लंबी लाइन लगी हुई है। दोनों नर बाघ कभी बाड़े के भीतर बनी चट्टान पर बैठे हुए दिखाई देते हैं। तो कभी बाड़े से सटे कांच की बनी दीवार के पास उछल-कूद कर रहे होते हैं। दोनों बाघों के इन्हीं खेलों को देखकर पर्यटक आकर्षित हो रहे हैं। फिलहाल देहरादून जू में काफी भीड़ देखने को मिल रही है। इसकी वजह यह दोनों बाघ ही है।

बाघ जैसे ही बाड़े के करीब आता है। वहां मौजूद उत्साहित पर्यटक अपने फोन निकाल कर सेल्फी लेने की कोशिश करने लग जाते हैं। जहां एक और बाघों के आने से पर्यटकों में खुशी की लहर देखने को मिल रही है। वहीं दूसरी ओर चिड़ियाघर के प्रबंधकों को यह चिंता है की कही दोनों बाघों में लड़ाई न  जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों नर बाघ बारे में ही अपना इलाका तय करने में लगे हुए हैं। 

टेरिटरी बनाने में लगे दोनों बाघ (Dehradun Zoo Tiger)

देहरादून जू (Dehradun Zoo )में आए इन मेहमान बाघों को D-2 और D-5 नाम से जाना जा रहा है। जंगल में अन्य जंगली जानवरों के मुकाबले बाघों का सबसे ज्यादा खौफ बना रहता है। अपना दर बनाने के लिएयह दोनों बाघ भी यही कोशिश कर रहे हैं। दोनों यह दिखाना चाहते हैं कि वह किसी बारे में नहीं बल्कि अपने इलाके मेंरह रहे हैं। पर्यटकों और जू के अधिकारियों को दोनों की टेरिटरी वाली हरकत बेहद हैरान कर रही है। 

दोनों के लिए बनाएं अलग-अलग बाड़े 

जू अधिकारियों को इस बात की विशेष चिंता है कि दोनों न बाघों में टेरिटरी को लेकर आपसी संघर्ष ना हो। इस बात को ध्यान में रखते हुए दोनों के लिए अलग-अलग बाड़े बनाए गए हैं। जिसके भीतर बाघ जमीन, पेड़ों और पत्थरों पर पंजों के निशान और शीशे की दीवार पर यूरिन करके टेरिटरी को चिन्हित करते हुए दिखाई दे रहे हैं। दोनों बाघ यह दिखाना चाहते हैं कि यह मेरा इलाका है या मेरी टेरिटरी है। 

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जू के इकोसिस्टम में हुआ बदला

दोनों बाघ के आने के बाद जू का इकोसिस्टम पूरी तरह से बदल गया है। हालांकि दोनों बाघ बाड़े के अंदर है, लेकिन फिर भी अन्य जंगली जानवरों में भय देखने को मिल रहा है। आमतौर पर यहां बंदर दिखाई देते थे, लेकिन जब से इन दोनों की यहां एंट्री हुई है। तब से अन्य जंगली जानवरों की चहलकदमी बहुत कम हो गई है। 

बाघ के आने से बढ़ें टिकट के दाम

प्रशासन ने शासन से अनुमति लेने के बाद जू के टिकट को ₹100 करने का फैसला लिया है।  टिकट के रेट बढ़ाने की केवल एक ही वजह है और वह है-  D-2 और D-5 नाम से  जाने जा रहे बाघ। वन क्षेत्राधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि देहरादून ही नहीं बल्कि अन्य पड़ोसी राज्यों के लोग भी यहां पहुंचने लगे हैं। जिसकी वजह से यहां पर्यटकों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। 

उनके अनुसार लोग बाघ को देखने के लिए हजारों रुपए खर्च करते हैं। लेकिन उन्हें देहरादून जू में आसानी से बेहद करीब से बाघ को देखने का मौका मिल रहा है। जिसके कारण लोग यहां इन्हें देखने के लिए पहुंच रहे हैं। 

एक सिंगल टिकट से देखें पूरा जू

जू में प्रवेश शुल्क पहले 30 रुपए प्रति व्यक्ति था। लेकिन अन्य वन्य जीवों और पार्क को देखने के लिए अलग-अलग टिकट खरीदनी पड़ती थी। इसलिए अब 100 रुपए में आप एक साथ सब चीज देख पाएंगे।

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